नाहन : DC सिरमौर प्रियंका वर्मा ने मंगलवार को कई अलग-अलग बैठकों की अध्यक्षता करते हुए विकासात्मक कार्यों की समीक्षा की तो वहीं संबंधित अधिकारियों को उचित दिशा निर्देश भी जारी किए। सबसे पहले जिला स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोधन समिति की बैठक ली गई।
डीसी ने बताया कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत सिरमौर जिला में बीते चार वर्षों के दौरान 61 मामलों के 74 पीड़ितों को 68.20 लाख रुपये की राहत राशि वितरित की गई है। अधिनियम के तहत वर्ष 2022 से 31 मई 2025 तक कुल 71 मामले प्राप्त हुए, जिनमें से 46 मामले न्यायालय में लंबित हैं और 15 का निपटारा हो चुका है।
डीसी ने कहा कि राहत राशि पीड़ित व्यक्ति को नियमानुसार शीघ्र प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जाति के लोगों के साथ किसी भी प्रकार के अत्याचार के मामलों को गंभीरतापूर्वक लेने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अधिनियम के अनुरूप वर्ष 2025 में अब तक 14 पीड़ित मामलों के पक्ष में 8 लाख 75 हजार रुपये की राहत राशि जारी की गई है।
उन्होंने पुलिस को विभिन्न थानों में पंजीकृत होने वाले अत्याचार के मामलों की मासिक रिपोर्ट के साथ एफआईआर और मेडिकल की रिपोर्ट भी जिला कल्याण अधिकारी को सौंपने के निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री नवीन 15 सूत्रीय बैठक
इसके उपरांत डीसी ने अल्पसंख्यकों के लिए प्रधानमंत्री नवीन 15 सूत्रीय कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जिला सिरमौर की कुल जनसंख्या 5 लाख 29 हजार 855 है, जिसमें अल्पसंख्यक वर्ग की कुल जनसंख्या 53 हजार 25 है, जो कुल जनसंख्या का लगभग 10.01 प्रतिशत है।
बैठक में बताया गया कि गुज्जर समुदाय के बच्चों के लिए चल रहे कटापत्थर और छल्लूवाला विशेष विद्यालय के भवनों के लिए परियोजना अधिकारी समग्र शिक्षा अभियान द्वारा प्रस्तुत 9.70 लाख रुपये प्रति केंद्र के प्राक्कलानों को सहायक अभियंता विकास द्वारा पूर्ण सत्यापन कर दिया गया है और भूमि उपलब्ध होते ही कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि अल्पसंख्यक समुदायों के मेधावी विद्यार्थियों के लिए छात्रवृति योजना शिक्षा विभाग के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही है। उप निदेशक प्रारंभिक व उच्च शिक्षा ने बताया कि उनके अधीनस्थ समस्त विद्यालय को इस बारे निर्देश दिए गए है कि अल्पसंख्यक समुदाय के किसी भी पात्र छात्र एवं छात्रा के आवेदन न होने की स्थिति में विद्यालय प्रमुख को उत्तरदायी माना जाएगा।
मैनुअल स्कैवेंजर्स अधिनियम 2013 समिति की बैठक
डीसी ने तीसरी बैठक मैनुअल स्कैवेंजर्स अधिनियम 2013 के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय समिति एवं सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की अनुपालना में गठित जिला स्तरीय सर्वेक्षण समिति की ली। उन्होंने कहा कि जिला सिरमौर में नगर पालिका परिषद, नोटिफाइड एरिया कमेटी व समस्त ग्राम पंचायतों के माध्यम से अपने-अपने क्षेत्रों में अस्वच्छ शौचालयों का सर्वेक्षण करवाया गया। सर्वेक्षण कार्य पूर्ण होने के उपरांत जिला में कोई भी अस्वच्छ शौचालय और कोई भी मैनुअल स्कैवेंजर्स नहीं पाया गया। उन्होंने कहा कि जिला सिरमौर मैनुअल स्कैवेंजर्स मुक्त जिला बन चुका है, जिसकी जानकारी संबंधित पोर्टल पर डाल दी गई है।
ये बैठक भी ली
डीसी ने जिला स्तरीय दिव्यांगता समिति की बैठक में बताया कि दिव्यांगता नियमावली के अनुरूप जिला स्तरीय दिव्यांगता समिति को अपीलीय प्राधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है, जिसके पास असंतुष्ट व्यक्ति दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करने वाले प्राधिकारी के निर्णय के विरूद्ध अपील कर सकता है।
उन्होंने दिव्यांग व्यक्तियों के पुनर्वास एवं सशक्तिकरण संबंधी मामलों को अधिनियम के अंतर्गत निर्मित प्रावधानों व नियमों के क्रियान्वयन के निर्देश दिए। इसके अलावा स्थानीय स्तरीय समिति की बैठक में सदस्य सचिव, जिला कल्याण अधिकारी विवेक अरोड़ा ने समिति के समक्ष दिव्यांगजनों के अधिकारों के संरक्षण बारे विस्तृत जानकारी दी। जिला कल्याण अधिकारी विवेक अरोड़ा ने सभी बैठकों का संचालन किया।
बैठकों में ये रहे मौजूद
बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष सीमा कन्याल, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी एलआर वर्मा, जिला अटॉर्नी चम्पा सुरील, एएसपी योगेश रोल्टा, परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण अभिषेक मित्तल, डीएसपी संगड़ाह मुकेश कुमार, जिला राजस्व अधिकारी चेतन चौहान, उप निदेशक उच्च शिक्षा हिमेंद्र बाली, उप निदेशक प्रारंभिक राजीव ठाकुर, जिला कार्यक्रम अधिकारी आईसीडीएस सुनील शर्मा सहित संबंधित विभागों के अधिकारी और समितियों के गैर सरकारी सदस्य उपस्थित रहे।