जंगलों के रखवालों ने तैयार किया “सिरमौर वन विहार”, ज्ञान-संस्कृति-प्रकृति का अनूठा संगम, जानें इस टूरिस्ट स्पॉट की खासियत

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पांवटा साहिब : हिमाचल प्रदेश अपने टूरिस्ट स्थलों के लिए देश सहित दुनिया भर में मशहूर है. देश-विदेशों से लोग पहाड़ों में प्रकृति की गोद के बीच सुकून के पल बिताने के लिए आते हैं. प्रदेश के जिला सिरमौर में तैयार किए जा रहे पहले ग्रीन कोरिडोर पर नेशनल हाइवे के साथ टूरिस्टों को एक और बेहतर टूरिस्ट स्थल मिलेगा, जहां पर्यटक न केवल प्रकृति की गोद के बीच सुकून के पल बिता पाएंगे, बल्कि उन्हें यहां ज्ञान-संस्कृति और प्रकृति का अनूठा संगम भी देखने को मिलेगा. ये टूरिस्ट स्पॉट जंगलों के रखवालों ने तैयार किया है.

दरअसल, यहां वन विभाग ने ‘सिरमौर वन विहार’ के नाम से एक ऐसा शानदार पर्यटन स्थल विकसित किया है, जो अपने आप में ज्ञान, संस्कृति और प्रकृति का अनूठा संगम है. यहां बनाए गए म्यूजियम में ज्ञान का भंडार छिपा है. वहीं ये म्यूजियम सिरमौरी संस्कृति और सिरमौर रियासत से भी पर्यटकों को रूबरू करवाएगा. इसके साथ-साथ पर्यटक यहां सिरमौरी व्यंजनों के चटकारे भी ले सकेंगे. करीब 2 एकड़ में बनाए गए इस वन विहार में प्रकृति तरोताजा रखेगी, तो वहीं इसके साथ बहने वाली गिरि नदी पर्यटकों के मन को सुकून पहुंचाएगी. जल्द ही इस सिरमौर वन विहार को टूरिस्टों के लिए खोल दिया जाएगा.

50 लाख से बनकर तैयार, टूरिस्टों का इंतजार
दरअसल ईको टूरिज्म और नई राहें नई मंजिल के तहत वन विभाग ने वर्ष 2022 में इस प्रोजेक्ट को सरकार को भेजा था, जिसके बाद पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से करीब 50 लाख रुपये के बजट का प्रावधान किया गया. वन विभाग पांवटा साहिब मंडल ने पांवटा साहिब-शिलाई नेशनल हाइवे-707 पर सतौन ब्रिज से करीब 50 मीटर पहले गिरि नदी के साथ इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया और अब सिरमौर वन विहार के नाम से पर्यटन की दृष्टि से करीब 2 एकड़ में फैले इस स्थल को पूरी तरह से विकसित कर दिया गया है.

म्यूजियम को दिया ‘सिरमौर की धरोहर’ नाम
इस वन विहार में एक म्यूजियम तैयार किया गया है, जिसे ‘सिरमौर की धरोहर’ का नाम दिया गया है. यहां पर्यटकों को सिरमौरी संस्कृति, गिरिपार के हाटी समुदाय के रीति-रिवाजों सहित परंपराओं के अलावा सिरमौर रियासत का इतिहास, सिरमौरी खान-पान, मेलों, वन्य प्राणियों, हिमाचल सहित जिला के जंगलों में मिलने वाली औषधियों, फोरेस्ट एरिया, जिला में तैयार किए गए ईको टूरिज्म स्पॉट सहित कई अन्य अहम जानकारियां मिल सकेंगी. हालांकि म्यूजियम के लिए टिकट का प्रावधान किया जाएगा.

शी हाट की तर्ज पर परोसे जाएंगे सिरमौरी व्यंजन
सिरमौर वन विहार में पर्यटकों के लिए एक कैफेटेरिया का भी निर्माण किया गया है, जिसमें पच्छाद के शीट हाट की तर्ज पर ही सिरमौरी व्यंजन व खान-पान यहां आने वाले पर्यटकों को उचित दामों पर परोसे जाएंगे. शी हाट की तर्ज पर इस कैफेटेरिया को भी स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं ही चलाएंगी. जल्द ही विभाग संबंधित महिला समूह से इसको लेकर एक एमओयू भी साइन करने जा रहा है। इससे जहां आमदनी में इजाफा होगा, तो वहीं करीब 15 से 20 महिलाएं भी स्वावलंबी बन पाएंगी.

प्रकृति की गोद के बीच शानदार पार्क भी विकसित
विभाग ने सिरमौर वन विहार में प्रकृति की गोद के बीच एक शानदार पार्क भी विकसित किया है. पार्क में पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था के साथ-साथ कई ऐसी सुविधाएं मुहैया करवाई गई है, जहां पर्यटकों को प्रकृति के नजारे के साथ-साथ गिरि नदी की कल-कल करती धाराओं के बीच मन का सुकून मिल पाएगा. खास बात यह भी है कि पहाड़ी से बहते झरने को बांसों के माध्यम से कूहल का रूप दिया गया है, जहां प्राकृतिक जल स्त्रोत से लोग इस नेचुरल पानी को ग्रहण भी कर सकेंगे. शौचालय सहित अन्य कई सुविधाएं भी यहां मुहैया करवाई गई है.

पर्यटन को इस वजह से भी लगेंगे पंख
दरअसल पांवटा साहिब-शिलाई-गुम्मा नेशनल हाइवे को हिमाचल प्रदेश के पहले ग्रीन कोरिडोर के रूप में तैयार किया जा रहा है, जिसका कार्य लगभग अंतिम चरण में है. पांवटा साहिब से शिलाई तक 75 किलोमीटर के एरिया में पर्यटकों को सिरमौर वन विहार एक बेहतर पर्यटन स्थल के रूप में उपलब्ध होगा, जो अब तक यहां से गुजरने वाले पर्यटकों को नहीं मिल पा रहा था. वन मंडल पांवटा साहिब के छछेती ब्लॉक में तैयार किए गए इस वन विहार के निर्माण में बीओ इंद्र सिंह, फोरेस्ट गार्ड कैलाश, विजय, प्रताप, पवन, दर्शन, कर्मी तपेंद्र, तोता राम व केदार आदि ने भी अहम भूमिका निभाई.

क्या कहते हैं अधिकारी
उधर, पांवटा साहिब वन मंडल के डीएफओ ऐश्वर्य राज ने बताया कि सतौन ब्रिज से 50 मीटर पहले करीब 50 लाख की लागत से सिरमौर वन विहार तैयार किया गया है. जल्द ही इसका शुभारंभ होगा. इस विहार में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे. साथ ही पर्यटकों को म्यूजियम, कैफेटेरिया, पार्क इत्यादि की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी. विभाग ने हाइवे के साथ उक्त स्थान पर पर्यटकों को एक बेहतर पर्यटन स्थल देने का प्रयास किया है. उम्मीद है कि जल्द ही इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे.

बता दें कि गुरु की नगरी पांवटा साहिब ऐतिहासिक गुरुद्वारा के कारण प्रसिद्ध है, जहां रोजाना देश ही नहीं विदेशों से भी बड़ी माता में लोग आते है. यह स्थल भी पांवटा साहिब से करीब 15 से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. लिहाजा, यहां आने वाले टूरिस्टों के लिए सिरमौर वन विहार एक बेहतर टूरिस्ट स्पॉट बनकर उभर सकेगा.