अंतरराष्ट्रीय श्री रेणुकाजी मेले में बहुभाषी कवि सम्मेलन में इन कवियों ने जमाई महफिल, लूटी वाहवाही

अंतरराष्ट्रीय श्री रेणुकाजी मेले में बहुभाषी कवि सम्मेलन में जिला सिरमौर के करीब 36 कवियों ने भाग लिया। सम्मेलन का शुभारंभ जिला भाषा अधिकारी कांता नेगी ने किया, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि दीपचंद कौशल ने की।

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श्री रेणुकाजी : अंतरराष्ट्रीय श्री रेणुकाजी मेले में बहुभाषी कवि सम्मेलन में जिला सिरमौर के करीब 36 कवियों ने भाग लिया। सम्मेलन का शुभारंभ जिला भाषा अधिकारी कांता नेगी ने किया, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि दीपचंद कौशल ने की। वहीं, मंच का संचालन वरिष्ठ कवि डा. ईश्वर दास राही ने किया।

कार्यक्रम की शुरूआत रविता ने गुरु वंदना से की। शबनम शर्मा ने अपनी कविता ‘शब्दों की चोट मन का खोट’, विनोद कुमार सैनी ने शायरी ‘तुम खुश होते’, सरला गौतम ने ‘कट गए जंगल सारे’, गोविंद गौरव ने ‘बीहड़ में कभी खुद को छोड़ना पड़ता है’, अर्चना शर्मा ने अश्कों के ‘बोझ की ये कहानी हुई, जिंदगी हर घड़ी पानी पानी हुई’ कविता पाठ पेश कर दर्शकों की खूब वाहवाही बटोरी।

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इसके साथ साथ डा. शबाना सैय्यद ने ‘पांव की पायल’, दीपराज विश्वास ने ‘देखता हूं मजहबों की बंदिशें जब चार सू, इश्क है सबसे बड़ा मजहब समझता हूं मैं’, प्रताप पराशर ने ‘प्रधानी को आएगो खेल, मुफ्त देएंदी आटो तेल’, नरेंद्र छींटा ने ‘जिऊं मेरा इरू सोचो’, सुरेंद्र कुमार सूर्य ने ‘केशे गिए देशों रे नौजवान, नशा कोरी कोरी गंवाई लोई जान’ ने भी दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।

सम्मेलन में मीनाक्षी वर्मा ने ‘नदी ओर नारी’, दीपचंद कौशल ने ‘है रेणुका धरती तुझे शत शत प्रणाम’, योगेंद्र अग्रवाल ने ‘कुछ नेकी कमाले’, साधना शर्मा ने ‘वाह रेणुका शाबाश रेणुका’, दीपक जोशी ने ‘सरकारी कार्यालय’, जावेद उल्फत ने ‘लोग नक्शों को लड़ते रहते हैं, मुल्क सड़कों पे भूखा सोता है’ से रंग जमाया।

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वहीं, लायक राम भारद्वाज ने आधुनिक व्यंग, नासिर यूसुफजई ने ‘रेशमी रंग रूठ जाते हैं, वक्त जब खुरदुरा सा रहता है’, प्रेमपाल आर्य ने ‘आज काले री बात’, जितेंद्र ठाकुर ने ‘चल कहीं दूर निकल जाएं’, डा. ईश्वर दास राही ने ‘आई चेही मेले के तू मेरी बाठणे’, अनुज कुमार ने ‘बोबा गांव घुमदा थिया हागड़ी’, अनमोल रतन, आत्मा राम शर्मा, रणदीप शर्मा ने भी अपनी कविताएं पढ़ीं। अंत में डा. आईडी राही ने भाषा विभाग की ओर से सभी श्रोताओं और साहित्यकारों का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।