सोलन पुलिस ने 3 माह के लिए जेल भेजा ये आदतन अपराधी, बार-बार नशा तस्करी में था शामिल

0

सोलन : सोलन पुलिस की नशे के काले कारोबार में संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई जारी है. इसी कड़ी में पुलिस ने निवारक हिरासत की कार्रवाई करते हुए एक आदतन अपराधी हितेंद्र कुमार उर्फ रिंकू (40) निवासी गांव क्यार, डाकघर सुझैला, तहसील अर्की, जिला सोलन को 3 महीने के लिए जेल में भेज दिया है. पुलिस थाना अर्की की टीम ने हिमाचल प्रदेश सरकार/सक्षम प्राधिकारी के आदेश के अनुसार ये कार्रवाई अमल में लाई.

एसपी सोलन गौरव सिंह ने बताया कि जिला पुलिस द्वारा PIT NDPS Act 1988 (Prevention of Illicit Traffic in Narcotic Drugs & Psychotropic Substances) के प्रावधानों के अनुसार ऐसे आरोपियों को निवारक हिरासत में रखने की कार्रवाई की जा रही है. इस एक्ट के तहत रिंकू को धारा 3(1) के तहत हिरासत में लिया गया है. रिंकू के खिलाफ मादक पदार्थ अधिनियम के तहत 4 मामले दर्ज हैं, जिनमें 2 मामले पुलिस थाना अर्की, 1 मामला जिला शिमला के बालूगंज और 1 मामला पंजाब राज्य के पुलिस थाना सदर खरड़ में पंजीकृत हैं.

उन्होंने बताया कि यह आरोपी इन मामलों में न्यायालयों से जमानत पर था, लेकिन फिर भी आरोपी मादक पदार्थ तस्करी में लगातार सक्रिय पाया गया. मादक पदार्थ तस्करी को रोकने के लिए जिला पुलिस द्वारा आदतन आपराधियों की निवारक हिरासत की प्रक्रिया भविष्य में भी जारी रहेगी. मादक पदार्थ तस्करी करने वाले ऐसे 11 आदतन आपराधियों को निवारक हिरासत में रखने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजे गए हैं.

एसपी ने बताया कि जिला सोलन पुलिस की ओर से नशे के खात्मे के लिए चलाए जा रहे कोम्प्रेहेंसिव अभियान के अंतर्गत नशा तस्करी के सभी पहलुओं पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जा रही है, जिसमें मादक पदार्थों के खात्मे के लिए इनकी सप्लाई साइड और डिमांड साइड दोनों तरफ प्रभावी कार्रवाई करते हुए जिले में नशा तस्करी के अंतरराज्यीय गिरोहों को चलाने वाले 125 नशा तस्करों को बाहरी राज्यों से गिरफ्तार करके लाना और इनके 53 अंतरराज्यीय नेटवर्कों को तोड़ना, जिला में पहली बार तस्करों की नशे से अर्जित 5 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियां जब्त करना शामिल हैं.

जिला सोलन पुलिस ने ऐसे नशा तस्कर जो बार-बार मुकदमें दर्ज होने पर भी जमानत पर बाहर आकर दोबारा नशा तस्करी में संलिप्त हो रहे हैं, उन पर नकेल कसते हुए जिला में पहली बार अब प्रिवेंटिव डिटेंशन यानी निवारक हिरासत की कार्रवाई भी की गई है, जिसका मकसद मादक पदार्थ तस्करी करने वाले आदतन अपराधियों को पुनः आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त होने से रोकना है.