धोखाधड़ी के मामले में पूर्व पंचायत प्रधान सहित महिला को 3-3 साल की सजा

न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी न्यायालय संख्या-2 पांवटा साहिब के न्यायाधीश विशाल तिवारी की अदालत ने धोखाधड़ी के एक मामले में एक पंचायत के पूर्व प्रधान सहित एक महिला आरोपी को दोषी करार दिया है।

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पांवटा साहिब : न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी न्यायालय संख्या-2 पांवटा साहिब के न्यायाधीश विशाल तिवारी की अदालत ने धोखाधड़ी के एक मामले में एक पंचायत के पूर्व प्रधान सहित एक महिला आरोपी को दोषी करार दिया है।

अदालत ने दोषी घासी राम पुत्र स्व. बारु राम और सत्या देवी पुत्री शोभा राम निवासी गांव सालवाला, डाकघर गोरखूवाला, तहसील पांवटा साहिब को आईपीसी की धारा 420 के तहत 3-3 साल की कैद और 3000 रुपए का जुर्माना, धारा 467 के तहत 3-3 साल की कैद और 3000 रुपए जुर्माना, धारा 471 के तहत 3-3 साल की कैद और 3000 रुपए जुर्माना के अलावा 120 बी के तहत 6 महीने की कैद और 1000 रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। ये सभी सजाएं एक साथ चलेगी। अदालत में इस मामले की पैरवी सहायक जिला न्यायवादी गौरव शर्मा ने की।

उन्होंने बताया कि शिकायतकर्त्ता अक्षय सूद सहायक आयुक्त विकास खंड पांवटा साहिब ने पुलिस को एक शिकायत पत्र जांच रिपोर्ट के साथ 30 जून 2009 सौंपा। इस पर पुलिस चौकी सिंघपुरा व पुलिस थाना पांवटा साहिब में केस दर्ज किया गया। मामले की तफ्तीश एएसआई कमल नैन ने अमल में लाई।

तफ्तीश के दौरान और दस्तावेजों के अवलोकन पर पुलिस ने पाया कि आरोपी सत्या देवी पुत्री शोभा राम की जन्मतिथि राजकीय प्राथमिक स्कूल सालवाला के आयु प्रमाण पत्र व ग्राम पंचायत गोरखूवाला के परिवार रजिस्टर और ग्राम पंचायत खोदरी के परिवार रजिस्टर के अनुसार 20 दिसंबर 1966 दर्ज थी, लेकिन पूर्व प्रधान आरोपी घासी राम ग्राम पंचायत डोबरी सालवाला ने नियमों का उल्लंघन करते हुए गलत आदेश देकर आरोपी सत्या देवी की जन्मतिथि 20 दिसंबर 1966 के स्थान पर 4 अप्रैल 1970 दर्ज करवानी पाई गई।

इस पर पुलिस थाना पांवटा साहिब में आईपीसी की धारा 420, 467, 468 व 471 के तहत केस दर्ज किया गया था। सहायक जिला न्यायवादी ने बताया कि मामले की तहकीकात पूरी कर पुलिस ने अदालत में चालान पेश किया। अदालत में 18 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए और जुर्म सिद्ध होने पर दोनों दोषियों को अदालत ने यह सजा सुनाई।