नाहन : प्रदेश के विभिन्न जिलों में धान खरीद के लिए स्थापित मंडियों में 15 दिसंबर तक खरीद का कार्य जारी रहेगा। अब कई मंडियों में धान की आवक धीमी पड़ने लगी है।
कम ही किसान फसल लेकर पहुंचे रहे हैं। प्रदेश में 3 अक्तूबर से धान की खरीद शुरू हुई थी और अब तक अधिकतर किसान सरकार को अपनी फसल बेच चुके हैं। लिहाजा, अब गिने-चुने किसान ही मंडियों का रुख कर रहे हैं।
इन मंडियों में अब तक 18835.36 मीट्रिक टन धान की सरकारी खरीद हो चुकी है। अकेले सिरमौर की बात करें तो जिले के पांवटा साहिब और धौलाकुआं में बनी मंडियों में 1843 किसान 7564 मीट्रिक टन धान सरकार को बेच चुके हैं।
प्रदेश में अब तक खरीदे गए धान की एवज में सरकार की ओर से 4583 किसानों के बैंक खातों में 44.52 करोड़ रुपए की राशि जमा की जा चुकी है।
जिलावार बात करें तो एपीएमसी पांवटा साहिब में 1021 किसानों ने अपनी उपज बेचकर 4635.26 मीट्रिक टन धान की आपूर्ति की है। इसके बाद सिरमौर के ही धौलाकुआं में 822 किसानों से 2929.01 मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है।
वहीं, जिला सोलन के बद्दी में 431 किसान से 1696.65 और नालागढ़ के मार्केट यार्ड में 475 किसानों से 1398.56 मीट्रिक टन धान खरीदा गया है।
इसी तरह कांगड़ा जिले के फतेहपुर में 196 किसानों से 1526.36, रियाली में 214 किसानों से 1921.18, मिलवां में 186 किसानों से 1678.76 और नगरोटा बगवां में 18 किसानों से 55.58 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है।
ऊना जिले के टाहलीवाल औद्योगिक क्षेत्र में 182 किसानों ने 1434.90 मीट्रिक टन, जबकि रामपुर मंडी में 192 किसानों ने 834.30 और टकारला मंडी में 195 किसानों ने 724.80 मीट्रिक टन धान बेचा है।
इस बार प्रदेश में 5800 के करीब किसानों ने अपनी उपज बेचने के लिए पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाया। इनमें 4583 किसान मंडियों में सरकार को धान बेच चुके हैं। अब कुछ और दिन सरकार की ओर से मंडियों में अनाज खरीद जारी रहेगी।
सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन सिरमौर के एरिया मैनेजर नरेश कुमार ने बताया कि जिला सिरमौर की दोनों मंडियों में सबसे ज्यादा धान खरीद हुई है।
अब इक्का दुक्का किसान ही मंडियों में उपज लेकर पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिले में इस बार 8 हजार मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य रखा गया है।
जिला सिरमौर खरीद के निर्धारित लक्ष्य के करीब है। पिछले वर्ष ये लक्ष्य 8500 मीट्रिक टन था। उन्होंने बताया कि दूसरे जिलों में बरसात के दौरान फसल को नुकसान पहुंचा है। इसका पैदावार पर असर पड़ा।






