बिलासपुर : जिला बिलासपुर की अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) डॉ. निधि पटेल को 3 वर्षों के लिए राजस्थान सरकार में प्रतिनियुक्ति (डेपुटेशन) पर सेवाएं देने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने स्वीकृति प्रदान की है. वे बुधवार को जयपुर में नई जिम्मेदारी का कार्यभार संभालेंगी.
डॉ. निधि पटेल ने हिमाचल प्रदेश में अपने प्रशासनिक कार्यकाल को समृद्ध अनुभव बताया और कहा कि बिलासपुर में सेवा देने के दौरान उन्हें जनसेवा के विविध आयामों पर कार्य करने का अवसर मिला. उन्होंने जिले के अधिकारियों, कर्मचारियों और आम जनता के सहयोग के लिए आभार जताते हुए कहा कि सभी के सामूहिक प्रयासों से अनेक योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया जा सका.
2018 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी डॉ. निधि पटेल मूलतः उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की रहने वाली हैं. वर्ष 2019 में उन्हें हिमाचल प्रदेश कैडर आवंटित हुआ. प्रशासनिक सेवाओं के दौरान उन्होंने नालागढ़, बद्दी और सोलन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विभिन्न पदों पर कार्य किया. फरवरी 2021 में वे ऊना जिले की उपमंडलाधिकारी (एसडीएम) नियुक्त हुईं, जहां उन्होंने प्रशासनिक सुधारों के साथ-साथ सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किए.
जनवरी 2023 में उन्होंने बिलासपुर जिला की एडीसी के रूप में कार्यभार संभाला. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने जिले में पर्यटन विकास को गति देने के लिए कई नवाचार किए. गोविंद सागर झील में वॉटर स्पोर्ट्स और साहसिक पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के अलावा प्रदेश की पहली स्पेस लैब की स्थापना भी उनके नेतृत्व में बिलासपुर में हुई.
उन्होंने आधुनिक आंगनबाड़ी केंद्रों की शुरूआत कर बाल विकास कार्यक्रमों को नई दिशा प्रदान की. नयनादेवी मंदिर क्षेत्र के समग्र पर्यटन विकास के लिए उन्होंने 100 करोड़ रुपये की लागत से मास्टर प्लान तैयार करवाया, जिसे राज्य सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई. इसके अतिरिक्त उत्तर भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक बाबा बालक नाथ मंदिर परिसर के जीर्णोंद्धार के लिए 2 करोड़ 71 लाख रुपये की लागत का मास्टर प्लान भी उनके मार्गदर्शन में तैयार किया गया, जिसका टेंडर प्रक्रिया में है.
आईएएस बनने से पहले डॉ. निधि पटेल ने बनारस और दिल्ली के प्रतिष्ठित लेडी हार्डिंग अस्पताल में गायनी स्पेशलिस्ट डॉक्टर के रूप में सेवाएं दीं. प्रशासनिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ उन्होंने विशेष रूप से महिलाओं को निःशुल्क स्वास्थ्य जांच और परामर्श प्रदान कर स्वास्थ्य क्षेत्र में भी सराहनीय योगदान दिया.