नाहन : हिमाचल प्रदेश में अब जल्द ही ई-डिटेक्शन सिस्टम लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है. लिहाजा, अब सभी प्रकार के वाहनों में चाहे वह पर्सनल हो या कमर्शियल. यानी दो पहिया हो या तिपहिया या फिर चौपहिया. इन सभी पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) लगी होना अनिवार्य हो गया है.
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जिन वाहनों पर एचएसआरपी नहीं लगी होगी, उनके वाहनों का केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 192 के अंतर्गत चालान हो सकता है. इसके साथ साथ वाहन संबंधित कोई भी कार्य नहीं किया जा सकेगा.
दरअसल, ई-डिटेक्शन सिस्टम एक ऐसा अत्याधुनिक निगरानी तंत्र है, जिसे विशेष रूप से हाईवे पर वाहन चलाते समय कागजातों की जांच करने के लिए डिजाइन किया गया है. यह सिस्टम सीसीटीवी कैमरों और अन्य तकनीकी उपकरणों का उपयोग करके टोल प्लाजा पर गुजरने वाली हर गाड़ी के दस्तावेजों की जांच करता है.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2011-12 से सभी वाहनों में एचएसआरपी लगानी अनिवार्य हो गई थी. एचएसआरपी की विशेषता यह है कि यह उच्च गुणवत्ता वाले एल्यूमीनियम से बनी होती है, जिसमें एक लेजर कोड और एक स्थायी पहचान संख्या और पंजीकरण चिह्न शामिल होता है.
प्लेट में रिफ्लेक्टिव शीट का उपयोग होता है, जो रात में और कम रोशनी की स्थिति में दृश्यता सुनिश्चित करती हैं. ये सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत उपयोगी है.
प्लेटों का रंग वाहन के प्रकार और उसकी पंजीकरण श्रेणी से मेल खाता है, जिससे त्वरित दृश्य पहचान में मदद मिलती है. एचएसआरपी प्लेट वाहन पंजीकरण में एकरूपता सुनिश्चित करती हैं, जिससे राज्य भर में एक सुसंगत मानक बनाए रखने में मदद मिलती है.
एचएसआरपी लगे वाहन की पहचान को ट्रैक करने और सत्यापित करने का एक विश्वसनीय साधन प्रदान करके वाहन चोरी और धोखाधड़ी को कम करने में योगदान करते हैं.
उधर, आरटीओ सिरमौर सोना चंदेल ने बताया कि जिन वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट नहीं लगी है, वह तुरंत ही अपने वाहनों में इसे लगाना सुनिश्चित करें, अन्यथा चालान होंगे. उन्होंने बताया कि ऐसे वाहन मालिक संबंधित वाहन कंपनी के किसी भी नजदीकी डीलर से निर्धारित फीस जमा करवा कर एचएसआरपी बनवा सकते हैं.