नाहन : शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार लाने और जमीनी स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से गुरूवार को शिक्षा उपनिदेशक एलीमेंट्री राजीव ठाकुर ने खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (बी.ई.ई.ओ.) कार्यालय नाहन का औचक निरीक्षण किया। उपनिदेशक ठीक 10:00 बजे कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने पाया कि सभी अधिकारी एवं कर्मचारी निर्धारित समय पर उपस्थित थे।
संयोगवश, खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी नाहन ने गुरूवार को ही शिक्षा खंड के सभी केंद्रीय मुख्य शिक्षकों की एक बैठक भी बुलाई थी। इस दौरान उपनिदेशक ने बैठक में उपस्थित सभी शिक्षकों को शिक्षा विभाग की विभिन्न गतिविधियों और अनुपालन संबंधी महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
उपनिदेशक ने सभी केंद्रीय मुख्य शिक्षकों को निर्देश दिए कि वे निरीक्षण को प्राथमिकता दें और अपने अधीनस्थ प्रत्येक स्कूल में महीने में दो बार अवश्य निरीक्षण करें। इस निरीक्षण के दौरान बच्चों के सामान्य ज्ञान और विषय ज्ञान के स्तर, पाठशाला परिसर, शौचालय की व्यवस्था और स्कूल भवन की स्थिति सहित सभी पहलुओं की जांच की जाए।
आवश्यकता पड़ने पर मौके पर कार्यरत अध्यापकों को निर्देशित किया जाए। यदि पाठशाला भवन में किसी मरम्मत कार्य की आवश्यकता है, तो उसकी सूचना तत्काल खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से विभाग को पहुंचाई जाए। निरीक्षण के दौरान उपनिदेशक ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया कि पाठशालाओं में आई.सी.टी. उपकरणों का दैनिक रूप में प्रयोग हो रहा है या नहीं और क्या लाइब्रेरी की किताबें बच्चों को दी जा रही हैं और उनका रिकॉर्ड सही से मेंटेन है।
साथ ही यह भी जांच करने के निर्देश दिए गए कि बच्चों का मैडीकल हेल्थ चेकअप हुआ है या नहीं। सरकार के निर्देशों के अनुरूप यह सुनिश्चित किया जाए कि प्राइमरी स्कूलों में अंग्रेजी को माध्यम के रूप में प्रयोग किया जा रहा है या नहीं।
इसके अलावा स्कूल के सभी रिकॉर्ड और रजिस्टर अद्यतन (अप टू डेट) स्थिति में होने चाहिए।बैठक में सभी केंद्रीय मुख्य शिक्षकों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया कि शिक्षा खंड नाहन के सभी विद्यालय आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण कर तंबाकू मुक्त विद्यालय का प्रमाण पत्र प्राप्त कर लें।
साथ ही प्रत्येक पाठशाला को ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर अपनी आपदा प्रबंधन योजना भी अनिवार्य रूप से पूर्ण करनी होगी। उन्होंने सुरक्षा के मद्देनजर निर्देश दिए कि कोई भी बाहरी जानवर (जैसे गाय, बैल या कुत्ता) विद्यालय परिसर में प्रवेश न करे, जिससे बच्चों की सुरक्षा खतरे में न पड़े।






