शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने करूणामूलक आधार पर लंबित रोजगार संबंधी मामलों की प्रक्रिया को एक वर्ष के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री मंगलवार को यहां करूणामूलक रोजगार नीति पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि इन भर्तियों की पात्रता के लिए वार्षिक आय सीमा को 2.50 लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये किया जाएगा। करूणामूलक आधार पर लंबित मामलों को तीन चरणों में निपटाया जाएगा।

पहले चरण में विधवा और 45 वर्ष से कम आयु वर्ग के उन आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनके माता-पिता नहीं हैं। वर्तमान में प्रदेश में इस श्रेणी में 141 विधवाएं और 159 अनाथ बच्चे शामिल हैं।
सुक्खू ने कहा कि दूसरे चरण में कम वार्षिक आय वाले पात्र व्यक्तियों को करूणामूलक आधार पर रोजगार प्रदान किया जाएगा और शेष पात्र आवेदकों को तीसरे चरण में नौकरी दी जाएगी।
इस अवसर कर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, आयुष मंत्री यादविंद्र गोमा, प्रधान सचिव देवेश कुमार, सचिव एम. सुधा देवी और राकेश कंवर और सचिव विधि शरद कुमार लगवाल मौजूद रहे।