हाब्बी मानसिंह कला केंद्र जालग में शाहूकारो रा स्वांग प्रदर्शन, आसरा संस्था के कलाकारों ने किया नाटक मंचन

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राजगढ़ : जिला सिरमौर की उप तहसील पझौता के जालग स्थित हाब्बी मानसिंह कला केंद्र में गत दिवस संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सौजन्य से गुरू शिष्य परंपरा के तहत शाहूकारो रा स्वांग नाटक का मंचन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ पद्मश्री विद्यानंद सरैक ने किया. कार्यक्रम का आगाज लोकवादन के साथ हुआ.

अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोक कलाकार डॉ. जोगेंद्र हाब्बी ने बताया कि सर्वप्रथम लोकवाद्य यंत्रों पर आसरा के लोक कलाकारों द्वारा नौगत की प्रस्तुति दी गई. उसके बाद पहाड़ी पारंपरिक परिवेश में शाहूकारो रा स्वांग लोकनाट्य का मंचन किया गया. कला केंद्र के मंच पर सेट लगाकर ग्रामीण परिवेश दर्शाते प्रत्येक कलाकार ने अपने किरदार को बेहतरीन ढंग से निभाते हुए दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ी.

आसरा संस्था द्वारा गुरू पद्मश्री विद्यानंद सरैकडॉ. जोगेंद्र हाब्बी के निर्देशन में नाटक को गुरू शिष्य परंपरा के अंतर्गत प्रशिक्षण देकर तैयार किया गया. शाहूकारो रा स्वांग लोकनाट्य में आज के समय में व्याप्त जमाखोरी, मुनाफाखोरी, खाद्य वस्तुओं में मिलावट, भ्रष्टाचार, चोरी, हत्या और लूटपाट जैसी बुराइयों पर प्रहार कड़ा किया गया.

शाहूकारो रा स्वांग लोकनाट्य में दुकानदार अपने मुनीम से खाद्य वस्तुओं में मिलावट करवाकर खूब पैसा कमाता है. मुनीम की नजर भी उस सेठ की दौलत पर थी. मुनीम और सेठ की पत्नी दोनों मिलकर सेठ की दौलत को हथियाने के लालच में सेठ की हत्या कर देते हैं, जिन्हें अंत में पुलिस पकड़ लेती है और इन्हें सजा मिलती है.

इस लोकनाट्य में बेहतर कानून व्यवस्था और निष्पक्ष न्याय प्रणाली पर भी प्रकाश डाला गया है. गौरतलब है कि आसरा संस्था के कलाकार पिछले कई वर्षों से गुरू शिष्य परंपरा के अंतर्गत गुरु पद्मश्री विद्यानंद सरैक व डॉ. जोगेंद्र हाब्बी के निर्देशन में कई लोकनाट्यों को तैयार कर सफलतापूर्वक मंचन कर चुके हैं. आसरा का प्रयास है कि विलुप्त होते जा रहे हैं लोकनाट्यों को परिष्कृत कर उनका आकर्षक ढंग से मंचन किया जा सके.

लोकनाट्य के पात्रों में मुख्य भूमिका रामलाल, गोपाल, संदीप, चमन, सरोज, अनु, दिनेश, अनिल, आरती, हेमलता, जोगेंद्र, सुनील, अमीचंद, ओम प्रकाश, कृष्ण, अमन आदि कलाकारों सहित लगभग पच्चीस कलाकार शामिल हुए.