
मंडी : ऑल इंडिया प्री एंड पैराक्लिनिक एसोसिएशन (एआईपीएमए) की राष्ट्रीय सदस्य डॉ. आंचल ने कहा कि यह संस्था अब हिमाचल प्रदेश में भी डॉक्टरों की मांगों के समाधान के लिए एक संगठन के रूप में कार्य करेगी।
संस्था का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और सरकारी कर्मचारियों के लिए बनाए गए नियमों के तहत डॉक्टरों की मांगों को पूरा कराना है।
डॉ. आंचल ने जारी बयान में कहा कि चिकित्सा सेवाओं में सुधार, काम की परिस्थितियों से जुड़ी मांगों को धरातल पर उतारने और डॉक्टरों के हितों की रक्षा के लिए युनाइटेड डॉक्टर फ्रंट स्टेट कॉ-ऑर्डिनेटर और स्पॉटिड ब्वॉय के नाम से जाने जाने वाले डॉ. लक्ष्मी मितल इस संस्था के संस्थापक (फाउंडर) के तौर पर कार्य कर रहे हैं।
एसोसिएशन देश और प्रदेश में डॉक्टरों पर दुर्व्यवहार के बढ़ते मामलों पर भी सक्रिय रूप से काम करेगी। डॉ. आंचल ने बताया कि संस्था इस संबंध में संबंधित विभाग और सरकार से बातचीत कर समाधान का रास्ता खोजेगी।
हिमाचल प्रदेश में ऑल इंडिया प्री एंड पैराक्लिनिक एसोसिएशन की कॉ-ऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है, जिसका निर्वहन वह पूरी ईमानदारी और निष्ठा से करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि डॉक्टरों की एकता को मजबूत करने के लिए एक मेडिकॉज हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। वर्तमान में अखिल भारतीय स्तर पर और राज्य में लगभग एक हजार से अधिक सदस्य संस्था में सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।
एआईपीएमए मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर और चंबा के मेडिकल कॉलेजों सहित हिमाचल के विभिन्न अस्पतालों में तैनात चिकित्सकों की सुरक्षा और हितों के लिए अपनी आवाज बुलंद करेगी।






