डीसी बिलासपुर ने किया रोहड़ा सेक्टर के पीएचसी का दौरा, डेंगू नियंत्रण के लिए दिए आवश्यक निर्देश

जिला मुख्यालय के रोहड़ा सेक्टर के वार्ड नंबर 1 और 2 में पिछले 15 दिनों में डेंगू के 16 मामले सामने आए हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डीसी बिलासपुर राहुल कुमार ने बुधवार को रोहड़ा सेक्टर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया।

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बिलासपुर : जिला मुख्यालय के रोहड़ा सेक्टर के वार्ड नंबर 1 और 2 में पिछले 15 दिनों में डेंगू के 16 मामले सामने आए हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डीसी बिलासपुर राहुल कुमार ने बुधवार को रोहड़ा सेक्टर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया।

इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. शशि दत्त शर्मा, एसडीएम सदर राजदीप सिंह सहित अन्य चिकित्सक भी उपस्थित रहे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में डेंगू के मामलों में वृद्धि देखी गई थी, लेकिन पिछले दो दिनों में केवल एक नया मामला सामने आया है।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग नगर परिषद के सहयोग से प्रभावित क्षेत्रों में नियमित फॉगिंग और स्रोत नियंत्रण का कार्य कर रहा है।

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डीसी ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि घर–घर जाकर लोगों से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली जाए और उन्हें डेंगू से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक किया जाए। उन्होंने लोगों से अपील की कि अपने घरों के आसपास पानी जमा न होने दें, टंकियों को ढककर रखें और टायर या अन्य बर्तनों में पानी एकत्रित न होने दें।

उन्होंने ने नगर परिषद के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि जहां लापरवाही पाई जाए, वहां चालान की कार्रवाई अमल में लाई जाए, ताकि संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सके।

सीएमओ ने बताया कि डेंगू के सामान्य लक्षणों में अचानक तेज बुखार (लगभग 105 डिग्री फॉरेनहाइट तक), गंभीर सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, विशेषकर आंखें हिलाने पर, मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द (जिसे हड्डीतोड़ बुखार कहा जाता है), मतली, उल्टी, शरीर पर लाल चकत्ते (जो बुखार शुरू होने के दो से पांच दिन बाद दिखाई दे सकते हैं), सांस लेने में तकलीफ, अत्यधिक थकान और बेचैनी शामिल हैं।

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उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो निकटतम स्वास्थ्य केंद्र या क्षेत्रीय अस्पताल में जाकर तुरंत जांच करवाएं। डेंगू का उपचार मुख्य रूप से लक्षणों के आधार पर किया जाता है।

शरीर में पानी की कमी से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी, ओआरएस और नारियल पानी पीयें। बुखार और दर्द को कम करने के लिए केवल पैरासिटामोल का उपयोग करें और एस्पिरिन या इबुप्रोफेन जैसी दवाओं से बचें, क्योंकि ये रक्तस्राव का खतरा बढ़ा सकती हैं।

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