बिलासपुर : जिला बिलासपुर में सर्दियों के मौसम से पूर्व की तैयारियों की समीक्षा के लिए बुधवार को जिला मुख्यालय के बचत भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता डीसी बिलासपुर राहुल कुमार ने की। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
डीसी ने सर्दियों के मौसम में संभावित आपदाओं से निपटने की रणनीतियों, राहत एवं बचाव कार्यों की स्थिति तथा विभागों के बीच समन्वय पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने सभी विभागों को प्रो-एक्टिव दृष्टिकोण अपनाने और आपसी सहयोग से कार्य करते हुए किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पूर्ण तैयार रहने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान डीसी ने राहत एवं बचाव कार्यों से संबंधित संसाधनों की उपलब्धता, त्वरित संचार व्यवस्था, आपातकालीन नियंत्रण कक्ष की स्थिति और संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग को निर्देश दिए कि एसडीएमएफ परियोजनाओं को निर्धारित समयसीमा में गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण किया जाए।
डीसी ने कहा कि बरसात के दौरान क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत शीघ्र सुनिश्चित की जाए। बिजली विभाग को लो वोल्टेज की समस्या का समाधान करने और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को सर्दियों के दौरान आवश्यक राशन की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
धुंध के बीच सड़क सुरक्षा के लिए दिए ये निर्देश
डीसी ने कहा कि सर्दियों के दौरान धुंध की समस्या के कारण सड़क दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी ब्लैक स्पॉट्स पर उचित चेतावनी संकेतक, सिगनेज और सुरक्षा व्यवस्थाएं स्थापित की जाएं।
उन्होंने जिला वासियों से अपील की कि कोहरे की स्थिति में वाहन की गति कम रखें। सड़कों पर लगे संकेतों का पालन करें और अत्यधिक सतर्कता बरतें। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा हर नागरिक की सामूहिक जिम्मेदारी है और जागरूकता से ही दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।
ड्राइविंग के दौरान बरतें ये सावधानियां
डीसी ने कहा कि कोहरे के समय वाहन चालक गति को नियंत्रित रखें। हाई बीम की बजाय लो बीम और फॉग लैंप का प्रयोग करें। अपने आगे चल रहे वाहनों से पर्याप्त दूरी बनाए रखें। मोबाइल फोन या म्यूजिक सिस्टम के अत्यधिक प्रयोग से बचें और यदि कोहरा बहुत घना हो तो सुरक्षित स्थान पर रुककर दृश्यता सुधरने का इंतजार करें। उन्होंने बताया कि वाहनों के डिफॉगर का उपयोग करने से शीशों पर जमी धुंध हटाई जा सकती है, जिससे दृश्यता बनी रहती है और दुर्घटना की संभावना कम होती है।
फायर ऑडिट और नोडल अधिकारी नियुक्ति के निर्देश
बैठक में डीसी ने सभी विभागों को अपने-अपने कार्यालयों में फायर ऑडिट करवाने तथा नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए, ताकि नागरिक अपनी शिकायतें और समस्याएं सीधे नोडल अधिकारी को दर्ज करा सकें। उन्होंने बताया कि जिला बिलासपुर में किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है और किसी भी समस्या की स्थिति में नागरिक टोल फ्री नंबर 1077 पर संपर्क कर सकते हैं।
रूम हीटर के प्रयोग में बरतें सावधानी
डीसी राहुल कुमार ने लोगों से अपील की कि सर्दियों के दौरान रूम हीटर का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतें। उन्होंने कहा कि हीटर के अत्यधिक उपयोग से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती है, जो रंगहीन और गंधहीन होती है और शरीर में ऑक्सीजन की कमी कर देती है।
इससे सांस लेने में कठिनाई, सिरदर्द, चक्कर आना जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और गंभीर स्थिति में जान का खतरा भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि रूम हीटर का उपयोग करते समय कमरे का उचित वेंटिलेशन सुनिश्चित करें ताकि वायु का प्रवाह बना रहे।
घरों और उपकरणों की सुरक्षा
डीसी ने सर्दियों के मौसम में आग से संबंधित खतरों को ध्यान में रखते हुए नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हीटिंग उपकरण, मोमबत्तियां और स्पेस हीटर जैसे स्रोत पर्दों और फर्नीचर से कम से कम तीन फीट की दूरी पर रखें।
जनरेटर का उपयोग घर के अंदर या दरवाजों और खिड़कियों के पास न किया जाए और इसे कम से कम 20 फीट की दूरी पर चलाया जाए, ताकि कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता से बचा जा सके। उन्होंने नागरिकों को सलाह दी कि वे एक आपातकालीन किट तैयार रखें, जिसमें गैर-खराब होने वाला भोजन, पानी, दवाइयां, टॉर्च और प्राथमिक उपचार सामग्री शामिल हो।
डीसी का संदेश
डीसी राहुल कुमार ने कहा कि सर्दियों के मौसम में सतर्कता, आपसी समन्वय और समय पर कार्रवाई ही प्रभावी आपदा प्रबंधन की कुंजी है। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि वे समयबद्ध ढंग से कार्य करें और जनता की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।






