भैंस और गाय के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 6-6 रुपये की बढ़ोतरी, हिमाचल बजट में और भी बहुत कुछ

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शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू आज वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश कर रहे हैं. सीएम ने भैंस और गाय के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 6-6 रुपये की बढ़ोतरी करने की घोषणा की. उन्होंने गाय के दूध की खरीद मूल्य को 45 से बढ़ाकर 51 रुपये और भैंस के दूध के मूल्य को 55 से बढ़ाकर 61 रुपये प्रतिलीटर करने की घोषणा की. पशुपालकों को 2 रुपये की परिवहन सब्सिडी भी मिलेगी.

प्राकृतिक मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य 30 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये किया गया. प्राकृतिक गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 40 रुपये से बढ़ाकर 60 रुपये किया गया. कच्ची हल्दी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 90 रुपये प्रति किलोग्राम किया गया.

मुख्यमंत्री ने जिला हमीरपुर में स्पाइस पार्क बनाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने केंद्र में सत्ता संभालने के बाद इस स्पाइस पार्क को रद्द कर दिया था. अब राज्य सरकार खुद इस स्पाइस पार्क को बनाएगी. अंतरजातीय विवाह पर 50 हजार के बजाय अब दो लाख रुपये मिलेंगे.

प्रदेश सरकार महिला मंडलों, युवक मंडलों को पेड़ लगाने के लिए पैसा देगी. 2 हेक्टेयर पर 2 लाख 40 हजार रुपये मिलेंगे. सीएम ने पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों के मानदेय को बढ़ाने की घोषणा की. सरकार लोन में फसें ग्रामीणों की मदद करेगी. सरकार ब्याज का 50 फीसदी चुकाएगी.

प्रदेश में 1,58,785 किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रमाणित किया गया. प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में आठ पेंशन योजनाएं चल रही हैं. मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना में अन्य जिलों के बच्चों को भी शैक्षणिक भ्रमण पर भेजा जाएगा.

सरकार प्रदेश में ड्रोन टैक्सी सेवाएं उपलब्ध करवाने की योजना बनाएगी. इसका इस्तेमाल कृषि-बागवानी, दवाइयों को पहुंचाने सहित अन्य कार्यों में किया जाएगा. मंडी, हमीरपुर व कांगड़ा में ड्रोन स्टेशन बनेंगे.

सीएम सुक्खू ने कहा कि पिछली सरकार से 76,185 करोड़ रुपये का लोन वर्तमान सरकार को विरासत में मिला. इसके चलते बड़ी राशि इसके ब्याज को चुकाने में चली गई. कृषि व संबद्ध क्षेत्र में 3.38 प्रतिशत की वृद्धि संभावित है. प्रति व्यक्ति आय में 9.6 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है.

सीएम ने बजट में घोषणा की कि बागवानी के लिए 4000 हेक्टेयर के लिए सर्वे किया जाएगा. एचपी शिवा परियोजना के तहत 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. मछुआरों से सिर्फ 7.50 प्रतिशत रायल्टी ली जाएगी. इससे 20 हजार से अधिक मछुआरों, मछली पालक कृषकों को लाभ होगा.