रामपुर भारापुर पंचायत के प्रधान पर घोटाले के आरोप, मोटरसाइकिल से ढोई 270 क्विंटल रेत-बजरी!

पंचायत के उपप्रधान रजनीश चौधरी ने शुक्रवार को नाहन में प्रेसवार्ता की। उन्होंने सीधे-सीधे आरोप लगाया कि प्रधान ने ठेकेदार और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर फर्जी बिल और फर्जी खनन 'एक्स' व एम फार्म के आधार पर सरकारी खजाने से 35 लाख रुपए की बड़ी रकम हड़प ली।

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नाहन : जिला सिरमौर की रामपुर भारापुर में लाखों रुपए का कथित घोटाला सामने आया है। आरोप पंचायत प्रधान पर लगे हैं। इसे लेकर पंचायत के उपप्रधान रजनीश चौधरी ने शुक्रवार को नाहन में प्रेसवार्ता की। उन्होंने सीधे-सीधे आरोप लगाया कि प्रधान ने ठेकेदार और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर फर्जी बिल और फर्जी खनन ‘एक्स’ व एम फार्म के आधार पर सरकारी खजाने से 35 लाख रुपए की बड़ी रकम हड़प ली।

यह गंभीर वित्तीय गड़बड़ी वित्तीय वर्ष 2024-2025 की बताई जा रही है। उन्होंने बताया कि आर.टी.आई. से इसकी सूचना जुटाई गई और ठोस सबूतों के साथ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट के आदेश पर विजीलेंस ने जांच शुरू कर दी है। उपप्रधान रजनीश चौधरी, पूर्व वार्ड सदस्य शीशपाल व सुरेश कुमार ने बताया कि ने सरकारी धनराशि हड़पने के लिए प्रधान और उनके सहयोगियों ने षड्यंत्र रचा।

सबूतों के अनुसार केवल दो मोटरसाइकिलों पर चार फेरों में 270 क्विंटल रेत, बजरी व सीमेंट आदि सामग्री पांवटा साहिब से रामपुर भारापुर पंचायत तक पहुंचाई गई। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि 42 किलोमीटर (आना-जाना) की यह दूरी सिर्फ 10 मिनट में तय की गई, जिसका जिक्र एक्स फार्म में साफ दर्ज है।

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इसके अलावा एक चार पहिया वाहन पिकअप से उसकी क्षमता (945 किलोग्राम) से ढाई गुना अधिक (लगभग 2170 किलोग्राम) सामग्री ढोई गई, जिसने आर.टी.ओ. के नियमों को धता बता दिया। आरोप है कि एक ही काम की पैमेंट ठेकेदार को दो बार की गई और एक्स फॉर्म की सीरीज में भी हेराफेरी पाई गई। उन्होंने प्रेसवार्ता के दौरान उसके दस्तावेज भी दिखाए।

फर्जी फॉर्म में वाहन मालिक और ड्राइवर के मोबाइल नंबर भी इनवैलिड मिले। उपप्रधान ने मीडिया के माध्यम से सरकार और प्रशासन से मांग की कि इस घोटाले की निष्पक्ष जांच हो और प्रधान, ठेकेदार और उनके सहयोगियों पर तुरंत शिकंजा कसा जाए।

उधर, पंचायत प्रधान ज्ञान चंद चौधरी ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि ये सिर्फ उन्हें बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि यदि पंचायत में इस तरह का घोटाला हुआ है तो आरोप लगाने वाले उस समय कहां थे। वह हर तरह की जांच के लिए तैयार हैं। चाहे बिलों की जांच कर लें या फिर अन्य दस्तावेजों की। पंचायत के सभी विकास कार्य पूर्ण हैं। कई विकास कार्यों में उन्होंने जेब से भी पैसे लगाए हैं।

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