डीसी शिमला के निर्देश : सभी ग्राम पंचायतें किट से पानी का सैंपल लेना सुनिश्चित करें

डीसी ने कहा कि जिला की सभी पंचायतों को जल शक्ति विभाग की ओर से पानी की जांच के लिए किट दी गई है, लेकिन अभी तक पंचायतें इन किट का इस्तेमाल नहीं कर रही है। सभी पंचायत को निर्देश दिए गए हैं कि इन किट के माध्यम से पेयजल पानी की गुणवत्ता का निरीक्षण करें।

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शिमला : डीसी अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की समीक्षा बैठक में सात डिवीजन के तहत चल रहे कार्यों की समीक्षा की गई। जिला में 264 योजनाएं है, जिसमें से 203 फिजिकल तौर पर पूरी कर ली गई हैं और इनमें से 114 योजनाएं वित्तीय तौर पर पूरी कर ली गई है, जबकि 61 योजनाओं पर कार्य चला हुआ है।

डीसी ने कहा कि जिला की सभी पंचायतों को जल शक्ति विभाग की ओर से पानी की जांच के लिए किट दी गई है, लेकिन अभी तक पंचायतें इन किट का इस्तेमाल नहीं कर रही है। सभी पंचायत को निर्देश दिए गए हैं कि इन किट के माध्यम से पेयजल पानी की गुणवत्ता का निरीक्षण करें। इसके अलावा पारम्परिक पेयजल स्त्रोतों का भी निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि जिला के सभी स्कूलों में इस किट को दिया गया है, लेकिन स्कूलों में भी किट का इस्तेमाल नहीं हो रहा है।

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उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग अपने स्तर पर पेयजल स्त्रोतों की गुणवत्ता चेक कर रहा है, लेकिन पंचायतों को भी अपने अधिकारों को इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि इन किट का इस्तेमाल करवाना सुनिश्चित करें।

बैठक में हर घर जल योजना के तहत 1621 गांव को प्रमाणित किया गया, जबकि 2536 गांव ने रिपोर्ट किया था। इसमें से 915 गांव में औपचारिकताएं लंबित है। जिला में 3052 पेयजल स्त्रोतों से सैंपल लिए जाते हैं। डीसी ने सभी एक्सईन को निर्देश दिए कि आपदा के कारण जिन पेयजल योजनाओं को मरम्मत की जरूरत है तो ऐसी पेयजल योजनाओं के प्रस्ताव बनाकर जिलाधीश कार्यालय में भेजना सुनिश्चित करें। दो लाख रुपये तक के मरम्मत कार्य के लिए तुरंत बजट राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तहत मुहैया करवाया जाएगा, ताकि पेयजल योजनाएं सुचारू रूप से चल पाए।

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