श्री रेणुकाजी बांध विस्थापित संघर्ष समिति ने महाप्रबंधक के साथ की बैठक, इन लंबित मांगों पर मांगी ठोस कार्रवाई

समिति ने चार स्थानों पर खरीदी गई भूमि को सिरे से खारिज किया है। यह भूमि खेती लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि विस्थापितों की स्पष्ट मांग है कि उन्हें किसी अन्य स्थान पर कृषि विभाग द्वारा प्रमाणित वास्तव में कृषि योग्य भूमि दी जाए, ताकि वे अपनी आजीविका चला सकें।

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नाहन : अपनी लंबित मांगों को लेकर वीरवार को श्री रेणुका जी बांध विस्थापित संघर्ष समिति का एक प्रतिनिधिमंडल बांध के महाप्रबंधक से ददाहू में मिला। इस दौरान समिति ने बैठक कर विभिन्न लंबित मांगों को उनके समक्ष रखा।

समिति के प्रधान विजय ठाकुर, कोषाध्यक्ष सुखचैन ठाकुर, प्रेस सचिव योगी ठाकुर और फाउंडर विनोद ठाकुर ने कहा कि उन्होंने इन 17 वर्षों में कई बार बांध प्रशासन और पिछली सरकारों के सामने अपनी जायज मांगें रखीं, लेकिन हर बार आश्वासन ही मिले।

उन्होंने मांग की कि लैंड एक्विजिशन ऑफिसर (एल.ए.ओ.) के अवार्ड के आधार पर गृह विहीन परिवारों की सूची तुरंत जारी की जाए। साथ ही कमेटी में लंबे समय से विचाराधीन सूची को भी जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जाए।

इसके अलावा गृह विहीन परिवारों को मिलने वाली 27 लाख रुपए की ‘हाउस लैस ग्रांट’ को वर्तमान पी.डब्ल्यू.डी. शैड्यूल दरों के आधार पर दोबारा आंका जाए और बिना किसी शर्त के तुरंत जारी किया जाए।

उन्होंने कहा कि 250 वर्ग मीटर प्लॉट के लिए दी जा रही 1.50 लाख रुपए की राशि को आज के बाजार मूल्य के हिसाब से बढ़ाया जाए, क्योंकि यह राशि अब बेहद कम पड़ रही है। भूमिहीन परिवारों की सूची प्रक्रिया अविलंब शुरू की जाए। साथ ही जो परिवार इस श्रेणी में आते हैं, उन्हें कृषि विभाग द्वारा प्रमाणित 5 बीघा कृषि योग्य भूमि जल्द से जल्द आवंटित की जाए।

हिमाचल प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा चार स्थानों पर खरीदी गई भूमि को समिति ने सिरे से खारिज किया है। यह भूमि खेती लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि विस्थापितों की स्पष्ट मांग है कि उन्हें किसी अन्य स्थान पर कृषि विभाग द्वारा प्रमाणित वास्तव में कृषि योग्य भूमि दी जाए, ताकि वे अपनी आजीविका चला सकें।

समिति ने ऐसे काश्तकारी परिवारों को भी गृह विहीन और भूमिहीन की श्रेणी में शामिल करने की मांग की, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी अधिग्रहित की गई या वन भूमि में अपना जीवन यापन करते आ रहे हैं। इसके साथ ही पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन प्लान के तहत दी जाने वाली सभी ग्रांट को वर्तमान दरों के हिसाब से बढ़ाने की मांग की गई है, क्योंकि ये ग्रांट 2008 की दरों पर आधारित हैं और आज की महंगाई में बेहद अपर्याप्त हैं।

वहीं, एन.जी.टी. द्वारा प्रधान मुख्य अरण्यपाल की अध्यक्षता में गठित समिति की सभी परामर्श और अनुशंसाओं को तुरंत पूरा करने का आग्रह भी किया गया। समिति ने महाप्रबंधक से उम्मीद जताई कि इन न्यायसंगत मांगों पर वह जल्द ठोस कार्रवाई करेंगे।