नाहन : महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर वेलफेयर डिपार्टमेंट का काम थोपने के फैसले को आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स यूनियन (CITU) ने चिंताजनक करार दिया है। इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए यूनियन ने ज्ञापन सौंपकर इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की है।
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जिला उपाध्यक्ष एवं पांवटा साहिब प्रोजेक्ट की अध्यक्ष इंदु तोमर, नाहन प्रोजेक्ट से सीता तोमर, देव कुमारी, शीला ठाकुर, सराहां प्रोजेक्ट की महासचिव श्यामा शर्मा, किरण भंडारी, गुलाबी देवी और सुमन आदि ने महिला एवं विकास विभाग के निदेशक को भेजे ज्ञापन में कहा कि यह फैसला न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि इससे महिला एवं बाल विकास विभाग के मूल उद्देश्य भी प्रभावित होंगे।
यूनियन की जिला उपाध्यक्ष इंदु तोमर ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मुख्य काम बच्चों और गर्भवती महिलाओं की देखभाल करना है, न कि वेलफेयर विभाग के कार्यों को संभालना। उन्होंने सवाल उठाया कि जब यह काम भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को ही करना है, तो तहसील कल्याण अधिकारी के पद का क्या औचित्य रह जाता है?
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यूनियन ने कहा कि कार्यकर्ता पहले से ही पोषण ट्रैकर में फेस कैप्चरिंग जैसे कामों में उलझी हुई हैं, जिसमें अच्छे फोन और नेटवर्क की कमी के कारण 100% लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है। ऐसे में उन पर अतिरिक्त काम का बोझ डालना उनके मुख्य कार्यों जैसे टीकाकरण, पोषण और प्री-स्कूल शिक्षा को प्रभावित करेगा।
यूनियन ने विभाग से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के हितों की रक्षा करने की अपील की है। यूनियन ने वेलफेयर विभाग के कार्यों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर थोपने के बजाय, उनके लिए अलग व्यवस्था करने, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के हितों का संरक्षण व उनके साथ न्यायपूर्ण व्यवहार करने और विभाग से इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की है।