पांवटा साहिब : प्रदेश मत्स्य पालन विभाग इन दिनों मछलियों की विभिन्न प्रजातियों के स्पॉन तैयार करने में जुटा हुआ है. इसके तहत जिला सिरमौर मत्स्य विभाग पहली बार बड़ी संख्या में हंगेरियन कॉमन कार्प और कॉमन कार्प के पालन के लिए 20 लाख स्पॉन पांवटा साहिब के बद्रीपुर स्थित फिश फॉर्म में तैयार कर रहा है.
दरअसल, हंगेरियन कॉमन कार्प, कॉमन कार्प की एक नस्ल है, जिसे अमूर कॉमन कार्प भी कहा जाता है. सिरमौर में यह नस्ल 2022 में लाई गई थी. ये ब्रीड हंगरी देश की मानी जाती है. जबकि, कॉमन कार्प दुनिया में सबसे ज्यादा पाई जाने वाली मछली है, जिसे मीठे पानी की मछली भी कहा जाता है.
इसके अलावा जिले में गोल्डन, रोहू, कतला के भी 3 लाख के करीब स्पॉन तैयार किए जा रहे हैं. जिला में ट्राउट मछली का भी उत्पादन किया जा रहा है, लेकिन इसका उत्पादन केवल निजी क्षेत्रों में किया जा रहा है. जिला सिरमौर के नौहराधार और धामला में ट्राउट की बड़े स्तर पर पैदावार की जा रही है.
बता दें कि पहले यहां का किसान हंगेरियन कॉमन कॉर्प और कॉमन कॉर्प के लिए स्पॉन लेने के लिए नालागढ़ और पंजाब के होशियारपुर पहुंचते थे. अब मछली उत्पादकों को जिला सिरमौर के फिश फॉर्म से ही प्रचूर मात्रा में स्पॉन उपलब्ध होगा. विभाग की ओर से इन दिनों तैयार किए जा रहे स्पॉन की हर तरह से देखरेख की जा रही है.
सिरमौर में 800 मछुआरे, 150 फिश फार्मर
जिला सिरमौर में मौजूदा समय में 800 मछुआरे और 150 फिश फार्मर हैं. जिले में ट्राउट सहित अन्य प्रजातियों की मछलियों के कुल 93 यूनिट हैं. हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और मुख्यमंत्री कॉर्प मत्स्य पालन योजना लागू हैं. मुख्यमंत्री कॉर्प मत्स्य पालन योजना के तहत तालाब बनाने के लिए हर वर्ग के लिए 80 फीसदी सब्सिडी का प्रावधान रखा गया है. जबकि, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 40 फीसदी सामान्य श्रेणी और 60 फीसदी एससी, एसटी और महिला के लिए छूट का प्रावधान है.
चलाए जा रहे जागरुकता अभियान
विभाग की ओर से जिला की ज्यादा से ज्यादा जल संपदा का दोहन हो, इसको लेकर जागरुकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं. इसके तहत किसानों को मत्स्य पालन से संबंधित तमाम तरह की जानकारी और लाभों के बारे में अवगत कराया जा रहा है.
मछुआरों के लिए जारी किए गए हैं परमिट
बता दें कि जून-जुलाई में नदियों आदि स्थानों पर मछली के शिकार के लिए प्रतिबंध रहता है. इसकी बड़ी वजह ये है कि इन दिनों मछलियां अंडे देती हैं. विभाग की ओर से मछुआरों के लिए परमिट जारी गए हैं. ताकि, गरीब परिवार अपनी आजीविका चला सकें.
10-10 लाख स्पॉन किए जा रहे तैयार
उधर, सहायक निदेशक मत्स्य विभाग डा. सोमनाथ पटियाल ने बताया कि जिला सिरमौर के पांवटा साहिब के बद्रीपुर स्थित फिश फॉर्म में हंगेरियन कॉमन कॉर्प और कॉमन कॉर्प के 10-10 लाख स्पॉन तैयार किए जा रहे हैं. ये पहली बार है कि जिला में इतने बड़े स्तर पर ये कार्य हो रहा है. सिरमौर में मछली पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है और सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ फिश फार्मर उठा रहे हैं.