3 घंटे चली सर्जरी, ऑपरेशन के दौरान नहीं पड़ी खून की जरूरत, जानें रोबोटिक सर्जरी से जुड़ीं खास बातें

चिकित्सकों के अनुसार मरीज को ऑपरेशन के पश्चात 3 से 4 दिनों में अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है, जबकि पारंपरिक ऑपरेशन में 8 से 10 दिन लगते हैं। मुख्यमंत्री ने सफलतापूर्वक रोबोटिक सर्जरी करने वाली टीम को बधाई दी।

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शिमला : अटल इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी चमियाना राज्य का पहला सरकारी स्वास्थ्य संस्थान बन गया है, जहां रोबोटिक सर्जरी से सफल आपरेशन हुआ। शिमला जिला के खलीनी क्षेत्र के रहने वाले मरीज की राज्य में पहली रोबोटिक सर्जरी की गई, जो प्रोस्टेट संबंधी बीमारी से पीड़ित थे।

डॉ. अनंत कुमार, डॉ. पम्पोश रैना और डॉ. पवन कौंडल की टीम ने सफलतापूर्वक पहली रोबोटिक सर्जरी की। चिकित्सकों के अनुसार यह प्रक्रिया लगभग 3 घंटे तक चली, जबकि सामान्य सर्जरी में इसमें कम से कम 5 घंटे लगते हैं। ऑपरेशन के दौरान मरीज को रक्त की आवश्यकता नहीं पड़ी, जबकि पारंपरिक प्रक्रिया में आम तौर पर चार यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है।

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चिकित्सकों के अनुसार मरीज को ऑपरेशन के पश्चात 3 से 4 दिनों में अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है, जबकि पारंपरिक ऑपरेशन में 8 से 10 दिन लगते हैं। मुख्यमंत्री ने सफलतापूर्वक रोबोटिक सर्जरी करने वाली टीम को बधाई दी।

मरीज के सहायक ने बताया कि ऑपरेशन सफल रहा। उन्होंने कहा कि इस सुविधा के आरंभ होने से मरीजों को उच्च-स्तरीय उपचार के लिए राज्य से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी।

यूरोलॉजी विभाग के कंसल्टेंट डॉ. कैलाश भरवाल ने कहा कि यह राज्य के चिकित्सा इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है, क्योंकि आज एआईएमएसएस चमियाना रोबोटिक सर्जरी करने वाला पहला संस्थान बन गया है।

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उन्होंने कहा कि रोबोटिक सर्जरी चिकित्सकों को सटीकता के साथ ऑपरेशन करने में सक्षम बनाती है और सर्जरी के दौरान रक्त की हानि न्यूनतम होती है। उन्होंने कहा कि रोबोटिक सर्जरी के बाद मरीज शीघ्र ही सामान्य दिनचर्या में लौट सकता है, क्योंकि इससे मरीज को शीघ्र स्वस्थ होने में मदद मिलती है।

रोबोटिक सर्जरी में अत्याधुनिक रोबोटिक आर्म्स का उपयोग किया जाता है, जिसमें हाथों की तुलना में कंपन लगभग समाप्त हो जाता है। इससे सर्जन अत्यंत सूक्ष्म और स्थिर गति से आपरेशन कर पाते हैं।

यह नसों और रक्त वाहिकाओं जैसी नाजुक संरचनाओं के पास काम करते समय सटीकता को बढ़ाने में भी मदद करता है। अधिकतर रोबोटिक सर्जरी में पारंपरिक सर्जरी की तुलना में छोटे चीरे लगाए जाते हैं, जिससे आमतौर पर कम निशान और बेहतर परिणाम सामने आते हैं।

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