नाहन|
जिला रजिस्ट्रार जन्म व मृत्यु सह-मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला सिरमौर डाॅ. अजय पाठक ने जन साधारण से अपील की कि जन्म अथवा मृत्यु की घटना का पंजीकरण करते समय निर्धारित प्रारूप को सावधानी से भरें, ताकि भविष्य में किसी समस्या का सामना न करना पड़े.
उन्होंने कहा कि जन्म व मृत्यु अधिनियम 1969 के अंतर्गत किसी भी जन्म व मृत्यु की घटना का पंजीकरण 21 दिन के भीतर पंचायत अथवा नगर पालिका अथवा परिषद् में दर्ज करवाना अनिवार्य होता है और 21 दिन से 30 दिन तक विलंब शुल्क के साथ दर्ज करवाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बिना नाम के भी प्राप्त किया जा सकता है और बच्चों का नाम प्रमाण पत्र में एक वर्ष तक बिना किसी शुल्क के डलवाया जा सकता है.
डा. पाठक ने बताया कि जन्म प्रमाण पत्र में नाम दर्ज करवाने के लिए अभिभावकों से आवेदन पत्र भरवाया जाता है जिसमें स्पष्ट लिखा होता है कि भविष्य में बच्चे व माता-पिता के नाम में कोई भी परिवर्तन नहीं किया जाएगा. यदि अभिभावकों द्वारा जन्म प्रमाण पत्र में बच्चे का नाम दर्ज करवा दिया जाता है तो बाद में उसकी दुरूस्ती या पूरा नाम बदलना मुश्किल ही नहीं असंभव हो जाता है.
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य संस्थानों में हुए प्रत्येक जन्म व मृत्यु की घटना का पंजीकरण 21 दिन के भीतर हो जाता है, लेकिन इसमें सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि जिस नाम से व्यक्ति अथवा मरीज की पर्ची बनाई जाती है, वहीं नाम माता-पिता या मृतक का नाम प्रमाण पत्र में दर्ज हो जाता है. उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि अस्पताल में दाखिल होने वाले सभी व्यक्ति पर्ची एवं इंडोर वार्ड में अपना नाम, माता-पिता का नाम व पता सही लिखवाएं, ताकि बाद में परेशानी का सामना न करना पड़े.
सीएमओ ने कहा कि यदि स्वास्थ्य संस्थानों के बाहर हुए जन्म व मृत्यु का पंजीकरण करने में 30 दिन से अधिक का समय हो जाता है तो यह विलंब पंजीकरण का मामला बनता है. इसके लिए आवेदकों को आवश्यक दस्तावेज जिला रजिस्ट्रार जन्म व मृत्यु सह-मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में जमा करने के बाद ही प्रक्रिया में लाया जा सकता है. इसलिए सभी जन्म अथवा मृत्यु की घटना का पंजीकरण करते समय निर्धारित प्रपत्र को सही तरीके से भरे, ताकि किसी प्रकार की समस्या न हो.
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