न्यूनतम बस किराया बढ़ोतरी को तुरंत वापस ले प्रदेश सरकार, एबीवीपी बोली छात्र विरोधी है ये फैसला

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नाहन : प्रदेश में न्यूनतम बस किराया दोगुना करने के फैसले का विरोध जारी है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने भी इस फैसले का कड़ा विरोध जताया है. प्रदेश सह मंत्री मनीष बिरसांटा ने सोमवार को यहां जारी प्रेस बयान में कहा कि प्रदेश सरकार का यह कदम पूरी तरह से छात्र विरोधी है. इस फैसले से सबसे अधिक छात्र समुदाय प्रभावित होगा.

उन्होंने कहा कि हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में विद्यार्थी रोजाना स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर की शिक्षा के लिए सार्वजनिक परिवहन पर निर्भर रहते हैं. अधिकांश छात्र आर्थिक रूप से मध्यम या निम्न वर्ग से आते हैं, जिनके लिए पहले से ही शिक्षा की लागत वहन करना कठिन है. अब प्रदेश सरकार ने न्यूनतम बस किराया 5 से 10 रुपये करने का फैसला लिया है, जो छात्र विरोधी है.

बिरसांटा ने कहा कि सरकार को इस बात का अंदाजा नहीं है कि एक छात्र को महीने में कितनी बार बस यात्रा करनी पड़ती है. विद्यार्थी स्कूल-कॉलेज के अलावा कोचिंग, लाइब्रेरी, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी आदि के लिए भी सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करते हैं.

उन्होंने राज्य सरकार से किराया वृद्धि को वापस लेने के साथ साथ छात्रों के लिए विशेष रियायत या पास व्यवस्था को और सुलभ व प्रभावी बनाने की मांग की. परिषद ने चेताते हुए कहा कि यदि सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती, तो एबीवीपी पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन करेगी.