राजगढ़ : जिला सिरमौर के दूरदराज इलाके की बेटी आईआईटी (IIT) रूड़की से आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग में पीएचडी (PHD) करेंगी। देश के प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की के लिए उनका चयन होने से पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल है। हालांकि स्पष्ट नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि हिमांशु हिमाचल प्रदेश से पहली बेटी होंगी जो आईआईटी रूड़की में आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग में पीएचडी करेगी।
हाल ही में राष्ट्रीय स्तर की गेट परीक्षा उतीर्ण करने के उपरांत सिरमौर की होनहार बेटी हिमांशु ने भारत के शीर्ष आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग संस्थान योजना और वास्तुकला विद्यालय दिल्ली (एसपीए दिल्ली) से अर्बन डिजाइन में मास्टर डिग्री हासिल की है।
हिमांशु ने शंकर विद्या निकेतन स्कूल राजगढ़ से पांचवी कक्षा उतीर्ण की। इसके बाद उनका चयन नवोदय विद्यालय नाहन के लिए हुआ, जहां उन्होंने 12वीं कक्षा नाॅन मेडिकल में उतीर्ण की। वर्ष 2018 में नेशनल एप्टीचयूड टेस्ट फाॅर आर्किटेक्चर (एनएटीए) की परीक्षा उतीर्ण की और राजकीय यांत्रिकी महाविद्यालय नगरोटा कांगड़ा से आर्किटेक्चर में स्नातक की उपाधि प्रथम श्रेणी में हासिल की। प्रदेश के तकनीकी विश्वविद्यालय (एनआईटी) हमीरपुर में हिमांशु को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने गोल्ड मेडल देकर विभूषित किया था।
बता दें कि हिमांशु मूलतः राजगढ़ के दूरदराज गांव कुड़िया कड़ंग से संबंध रखती हैं। उनके पिता प्रेम चंद चौहान राजकीय हाई स्कूल दून देवरिया में बतौर हेडमास्टर और माता सरला चैहान केंद्रीय प्राथमिक पाठशाला पबियाना में बतौर सीएचटी के पद पर कार्यरत हैं। उनकी हिमांशु के अलावा 2 और बेटियां हिमानी चौहान और कृति चौहान हैं।
हिमांशु और हिमानी दोनों जुड़वां बेटियां हैं। हिमानी ने खालसा काॅलेज चंडीगढ़ से जूलाॅजी में मास्टर डिग्री की है। जबकि, सबसे छोटी बेटी कृति चौहान दिल्ली विश्वविद्यालय से गणित में मास्टर डिग्री कर रही हैं।
हिमांशु ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरूजनों को दिया है। पिता प्रेमचंद चौहान ने बताया कि उनके लिए तीनों बेटियां अनमोल रत्न हैं, जिनकी काबिलियत पर वह गर्व महसूस करते हैं।