अधिकारों और मांगों को लेकर 9 जुलाई को सड़कों पर उतरेंगे हजारों मजदूर, राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने पर चर्चा

आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नव उदारवादी व पूंजीपति परस्त नीतियों के कारण बेरोजगारी, गरीबी, असमानता व रोजी रोटी का संकट बढ़ रहा है।

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नाहन : सीटू जिला सिरमौर कमेटी की रविवार को नाहन में आयोजित बैठक में विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। इस बैठक में सीटू प्रदेश उपाध्यक्ष जगत राम भी विशेष रूप से मौजूद रहे। जिला महासचिव आशीष कुमार ने बताया कि बैठक में 9 जुलाई की राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने, 108 व 102 एंबुलेंस कर्मियों के आंदोलन को तेज करने और सीटू जिला सम्मेलन की तैयारियां करने का निर्णय लिया गया।

बैठक को संबोधित करते हुए जिला महासचिव आशीष कुमार, आंगनबाड़ी यूनियन की राज्य महासचिव वीना शर्मा, निर्माण मजदूर यूनियन के जिला महासचिव राजेश तोमर ने बताया कि मजदूर विरोधी चार लेबर कोड के खिलाफ और 26,000 न्यूनतम वेतन, योजना कर्मियों, आउटसोर्स, ठेका प्रथा, मल्टी टास्क, टेंपररी, कैजुअल, ट्रेनी की जगह नियमित रोजगार देने, मनरेगा बजट में बढ़ोतरी, मनरेगा मजदूरों के लिए न्यूनतम वेतन लागू करने, श्रमिक कल्याण बोर्ड के आर्थिक लाभ सुनिश्चित करने आदि मांगों पर हिमाचल प्रदेश के हजारों मजदूर 9 जुलाई की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान सड़कों पर उतरेंगे।

उन्होंने केंद्र सरकार को चेताया कि अगर लेबर कोड तुरंत निरस्त न किए तो सरकार को भारी नुकसान झेलने के लिए मानसिक तौर पर तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि लेबर कोड लागू होने से 70 प्रतिशत उद्योग व 74 प्रतिशत मजदूर श्रम कानूनों के दायरे से बाहर हो जाएंगे। हड़ताल करने पर मजदूरों को कड़ी सजाओं व जुर्माने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न वर्गों की मांगों को लेकर आंदोलन तेज होगा।

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नव उदारवादी व पूंजीपति परस्त नीतियों के कारण बेरोजगारी, गरीबी, असमानता व रोजी रोटी का संकट बढ़ रहा है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कमजोर करने के कारण बढ़ती महंगाई ने जनता की कमर तोड़ कर रख दी है। पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, खाद्य वस्तुओं के दामों में भारी वृद्धि हो रही है।

उन्होंने न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये प्रति माह और सभी श्रमिकों को पेंशन सुनिश्चित करने, मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं और बिजली संशोधन विधेयक को निरस्त करने, कॉन्ट्रेक्ट, पार्ट टाइम, मल्टी पर्पज, मल्टी टास्क, टेम्परेरी, कैजुअल, फिक्स टर्म, ठेकेदारी प्रथा व आउटसोर्स प्रणाली पर रोक लगाकर इन सभी मजदूरों को नियमित करने, शहरी क्षेत्रों में विस्तार के साथ मनरेगा में 600 रुपये प्रति दिन की मजदूरी पर 200 दिन कार्य दिवस प्रदान करने, मनरेगा, निर्माण और बी.आर.ओ. मजदूरों की मांगों को जनता में ले जाया जाएगा।

बैठक में मिड-डे मील यूनियन के राज्य अध्यक्ष संदीप, सुदेश, सुरजीत, शीला ठाकुर, श्यामा शर्मा, वीरेंद्र सिंह, सत्या, शालू, सुनीता, कमला, लखबीर, ममता, प्रोमिला, चंद्रकला, जालम सिंह, अनिरुद्ध राज, निर्मला, अंजू, लीला, ओम प्रकाश, नरेंद्र, बलदेव व विशाल आदि मौजूद रहे।