नाहन मेडिकल कालेज को शिफ्ट करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण, ‘तालाबंदी’ में ही बीत गए ‘सरकार’ के 3 साल : बिंदल

कहा कि मेडिकल कालेज को शिफ्ट करना ही था तो ये फैसला अगर 3 साल पहले ले लिया जाता तो आज तक कई व्यवस्थाएं पूरी होतीं। अब वन विभाग की स्वीकृति कब आएगी? कब जंगल काटा जाएगा? कब तक यहां बिजली, पानी की व्यवस्था होगी? ड्राइंग कब बनेगी?  कब तक टेंडर होंगे और कब अस्पताल भवन बनेगा?

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नाहन : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार नाहन मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पर ताला लगाने की पूरी ताकत झोंक रही है। केंद्र की मोदी सरकार ने मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए 261 करोड़ रुपये दिए और 300 बिस्तरों के अस्पताल के लिए 11 मंजिलों में से एक 7 मंजिल का भवन बन भी चुका है। पिछले 3 साल से अस्पताल भवन के निर्माण का काम बंद पड़ा है और अब ताला लगाने का फरमान जारी हो गया है।

मंगलवार को नाहन में पत्रकारों से बातचीत में डा. बिंदल ने आरोप लगाते हुए कहा कि मातृ-शिशु अस्पताल निर्माण के लिए केंद्र से मिले 21 करोड़ रुपये और नर्सिंग कॉलेज निर्माण के लिए स्वीकृत 70 करोड़ रुपये पर कोई भी काम शुरू नहीं हुआ, जिससे यह पैसा खुर्द-बुर्द हो गया है। उन्होंने नई जगह पर मेडिकल कॉलेज बनाने के कांग्रेस सरकार के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

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कहा कि मेडिकल कालेज को शिफ्ट करना ही था तो ये फैसला अगर 3 साल पहले ले लिया जाता तो आज तक कई व्यवस्थाएं पूरी होतीं। अब वन विभाग की स्वीकृति कब आएगी? कब जंगल काटा जाएगा? कब तक यहां बिजली, पानी की व्यवस्था होगी? ड्राइंग कब बनेगी?  कब तक टेंडर होंगे और कब अस्पताल भवन बनेगा? उन्होंने कहा कि जहां पहले से जमीन, पार्किंग, आवागमन के साधन और कर्मचारियों के रहने की व्यवस्था है, उसे उजाड़ कर नई जगह बसाने में 1000 करोड़ रुपये तक की जरूरत होगी।

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार के 3 वर्ष के कार्यकाल में विकास के बजाय ‘तालाबंदी’ हुई है। कालाअंब में भाजपा सरकार द्वारा खोली गई उप-तहसील और 5 पटवार सर्कल (पालियों, जोहड़ों, नागल सुकेती, विक्रमबाग-देवनी और आमवाला-सैनवाला) को केवल इसलिए बंद कर दिया गया, क्योंकि वे भाजपा ने खोले थे। इससे सैकड़ों ग्रामीणों को अपने काम करवाने के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं।

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इस क्षेत्र में खनन माफिया ने नदियों, पहाड़ों, सड़कों और पुलों को खोद डाला है। ये क्षेत्र गंदगी के ढेर में बदल गया है। उन्होंने कहा कि तीन पीएचसी (पंजाहल, त्रिलोकपुर, सैनवाला-मुबारिकपुर) और एक सीएचसी (भारापुर) में सरकार ने ताले लगाए। उन्होंने कहा कि जहां डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे थे, वहां मरीज दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।

किसानों और पशुओं के उपचार के लिए खोली गई तीन वैटनरी डिस्पेंसरी (नलका-समालका, देवका-पुडला और क्यारी) पर भी ताले लगा दिए। इतना ही नहीं बरसों से चली आ रही जमटा और धगेड़ा की वैटनरी को भी सरकार ने बंद कर दिया है। यही हाल शिक्षा के क्षेत्र का है। पिछले तीन वर्षों में नाहन विधानसभा क्षेत्र में 5 स्कूल बंद किए गए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जनता इसका जवाब देने के लिए तैयार बैठी है।

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