नाहन : जिला सिरमौर के कई अस्पतालों में प्रसूता महिलाओं को 102 जननी एक्सप्रेस की सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। लिहाजा, प्रसूता महिलाओं को अस्पताल के घर लाने के लिए तीमारदारों को निजी वाहन लेकर या फिर बसों में धक्के खाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
आलम ये है कि विभिन्न अस्पतालों में तैनात ये गाड़ियां या तो कंडम हो चुकी हैं या फिर अपनी मियाद पूरी कर चुकी हैं। इस वजह से इन वाहनों को खड़ा कर दिया गया है। ऐसे में प्रसूता महिलाओं को अस्पतालों में ये सेवा नसीब नहीं हो पा रही है।
जानकारी के अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौहराधार में ये एंबुलेंस पिछले तीन माह से खड़ी है। इसके साथ साथ सिविल अस्पताल राजगढ़ में भी इस सेवा के यही हाल हैं। सिविल अस्पताल ददाहू में भी 3 माह से ये सेवा नहीं मिल पा रही है। बताया जा रहा है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संगड़ाह में भी पिछले 2-3 दिन से ये सेवा बंद है।
बड़ी बात ये है कि ददाहू, संगड़ाह और नौहराधार अस्पताल श्री रेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र में आते हैं। जबकि, सिविल अस्पताल राजगढ़ पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत है। बता दें कि 102 जननी एक्सप्रेस प्रसूता महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए एक निःशुल्क एंबुलेंस सेवा है, जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित हो रही है।
इस सेवा का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को आवश्यक प्राथमिक और सुरक्षित परिवहन प्रदान करना है, जिससे मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को बढ़ावा मिले। लंबे समय से अस्पतालों में सेवाएं दे रही इस एंबुलेंस सेवा की गाड़ियां कंडम हालत में पहुंच चुकी हैं। इसके साथ साथ इसमें ऐसे वाहन भी निर्धारित साढ़े तीन लाख किलोमीटर चल चुकी हैं या फिर अपने 10 साल पूरे कर चुकी हैं।
क्षेत्र के मनीष, रोहित, बलवीर शर्मा आदि ने बताया कि 102 एंबुलेंस के अभाव में तीमारदारों को भारी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। कई लोगों को निजी वाहन करके अस्पतालों से प्रसूता महिलाओं को घर ले जाना पड़ रहा है या फिर वह पब्लिक ट्रांसपोर्ट के सहारे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि इन अस्पतालों में जल्द से जल्द नई गाड़ियां उपलब्ध करवाई जाएं, ताकि प्रसूता महिलाओं के लिए ये सुविधा जारी रह सके।
उधर, ईएमई मनोज कोठारी ने माना कि कुछ अस्पतालों में जननी एक्सप्रेस सेवा वाहनों के कंडम होने की वजह से ठप पड़ी है। उन्होंने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संगड़ाह की ये सेवा अभी बंद नहीं हुई है। गाड़ी को मरम्मत के लिए भेजा गया है। बाकि, अन्य अस्पतालों की कंडम गाड़ियों की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी गई है। साथ ही सरकार को भी नई गाड़ियों की प्रपोजल भेजी गई है।





