बागवानी विशेषज्ञों ने बताए फूलों व फलों की खेती के तौर तरीके, ड्रोन उड़ाकर सिखाया कीटनाशक छिड़काव

अनुसंधान केंद्र की सह निदेशक एवं प्रभारी डॉ. प्रियंका ठाकुर ने किसानों को विकसित कृषि संकल्प अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।

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धौलाकुआं : क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षिण केंद्र धौलाकुआं के वैज्ञानिकों ने पुरूवाला गांव के किसानों के साथ सीधा संवाद किया। इस मौके पर अनुसंधान केंद्र की सह निदेशक एवं प्रभारी डॉ. प्रियंका ठाकुर ने किसानों को विकसित कृषि संकल्प अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।

इस अभियान के तहत देशभर के कृषि विज्ञान केंद्र और विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों ने किसानों के साथ अपनी तकनीकों को साझा किया गया और उनकी समस्याओं का समाधान भी मौके पर किया। उन्होंने फूलों की खेती और लाभप्रदता संबंधी जानकारी भी किसानों को दी। उन्होंने गुलदाउदी की बेमौसमी खेती के बारे बताया। साथ ही क्षेत्र और बाजार की मांग के अनुसार उपयुक्त किस्में चुनने व स्वस्थ पौधे लगाने के सुझाव दिए।

उन्होंने किसानों को बताया कि गेंदा फूल के निरंतर उत्पादन के लिए निरंतर अंतराल पर बीज व पौध लगाएं। गुलदाउदी में अफिड्स और गेंदा में वुल्ली एफिड के लिए नीम ऑयल, इमिडा कैलोरपिड 1 मिली लीटर /लीटर के छिड़काव द्वारा नियंत्रण करें। अन्य पुष्पीय फसलों जैसे डेहलिया व रजनीगंधा के कंद उगाकर भी किसान अपनी आय को बढ़ा सकते हैं।

फल विशेषज्ञ डॉ. शिल्पा ने लीची से संबंधित समस्याओं के बारे में किसानों से चर्चा की। उन्होंने किसानों को लीची के फलों का फटना और फल छेदक कीट से बचने के उपाय बताए। उन्होंने कहा कि मई जून के महीने में तापमान के अधिक बढ़ने की वजह से पौधों और फलों को सूखे की मार को भी सहन करना पड़ता है। सिंचाई में देरी होने या गलत समय पर सिंचाई से फल के आकार का बढ़ना तो शुरू हो जाता है, लेकिन बाहर के छिलके के पतलेपन की वजह से फल फटने शुरू हो जाते हैं।

इस समय महीने में 3-3 दिन के बाद सिंचाई करें। दूसरी तरफ अगर फल छेदक कीट की बात करें तो ये लीची के फलों में छेद करके उन्हें खराब कर देता हैं। संक्रमित फलों को डंठल के सिरे पर काले धब्बे से पहचाना जा सकता है। नीम ऑयल 4 मि.ली./लीटर का स्प्रे फूल आने से पहले करें। इसके अलावा नोवालुरॉन 1.5 मि.ली./लीटर फ्रूट सेट के 10-12 दिन बाद करें।

इस मौके पर ड्रोन पायलट परमजीत कौर ने किसान जागीर चंद के रेड एप्पल बेर के बगीचे में ड्रोन से कीटनाशकों का छिड़काव करके बताया। उन्होंने किसानों को बताया कि ड्रोन के माध्यम से घुलनशील उर्वरकों का छिड़काव कुछ ही घंटों में पूरा कर सकते हैं। पहले इस कार्य में कई दिनों का समय लग जाता था। इस दौरान इलाके के कई किसान मौजद रहे।