धौलाकुआं : चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र सिरमौर स्थित धौलाकुआं में सोमवार को भारत सरकार के राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के अंतर्गत 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
इस प्रशिक्षण में सिरमौर जिले के विभिन्न ब्लॉकों से 42 कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन (CRPs) भाग ले रहे हैं, जिसमें 28 पुरुष और 14 महिलाएं शामिल हैं।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ जिला सिरमौर आत्मा परियोजना के परियोजना निदेशक डा. साहब सिंह ने किया। वहीं, कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि विज्ञान केंद्र सिरमौर के प्रभारी एवं प्रधान वैज्ञानिक डा. पंकज मित्तल ने की।
उन्होंने बताया कि रासायनिक कृषि पद्धतियों के अनियंत्रित उपयोग से न केवल कृषि भूमि और पर्यावरण प्रभावित हुआ है, बल्कि खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता और मानव स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर पड़ा है। उन्होंने कैंसर ट्रेन का उदाहरण देते हुए लोगों को रसायनयुक्त खाद्य पदार्थों और जंक फूड से दूर रहने की सलाह दी।
डा. साहब सिंह ने इस कार्यक्रम को भारत सरकार की एक महत्त्वपूर्ण पहल बताते हुए कहा कि यह प्राकृतिक खेती के सशक्तिकरण के साथ-साथ स्थानीय किसानों को वैज्ञानिक परामर्श देने के लिए ग्राम स्तर पर प्रशिक्षित कृषि सलाहकार तैयार करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।
डा. पंकज मित्तल ने प्राकृतिक खेती को तत्व ज्ञान से जोड़ते हुए इसे मानव समाज एवं पर्यावरण के लिए हितकारी बताया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक संगीता अत्री ने भी अपने विचार प्रतिभागियों के समक्ष रखे।
कार्यक्रम की समन्वयक डा. शिवाली धीमान, डा. हर्षिता सूद ने प्रशिक्षण के तकनीकी सत्रों का संचालन किया और प्रतिभागियों को प्राकृतिक खेती से जुड़ी नवीनतम जानकारी दी।
इस मौके पर प्रतिभागियों को प्राकृतिक खेती से संबंधित विभिन्न प्रकाशनों से सुसज्जित टैक्नोलॉजी किट भी दी गई, जो उनकी जानकारी को और अधिक समृद्ध करने एवं इस अभियान के सुचारू क्रियान्वयन में उनकी मदद करेगी।