संस्कृत विद्यार्थियों के लिए रोजगार के सुनहरे अवसर, नाहन महाविद्यालय में हुआ ये खास व्याख्यान

संस्कृत भाषा में भारतीय ज्ञान परंपरा का अपार भंडार है। हमारी भारतीय ज्ञान परंपरा विश्व की सर्वश्रेष्ठ, वैज्ञानिक और परिष्कृत ज्ञान प्रणाली रही है, जिसमें उद्योग और व्यवसाय का अथाह सागर है।

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नाहन : श्री गोरक्षनाथ राजकीय संस्कृत महाविद्यालय नाहन में मंगलवार को करिअर काउंसलिंग और प्लेसमेंट सेल की ओर से वृत्ति परामर्श विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय वेदव्यास परिसर बलाहर के शिक्षा शास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ. सत्यदेव ने इस दौरान छात्रों को करियर मार्गदर्शन, कौशल विकास और संस्कृत के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को बारीकी से प्रस्तुत किया।

उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा में भारतीय ज्ञान परंपरा का अपार भंडार है। हमारी भारतीय ज्ञान परंपरा विश्व की सर्वश्रेष्ठ, वैज्ञानिक और परिष्कृत ज्ञान प्रणाली रही है, जिसमें उद्योग और व्यवसाय का अथाह सागर है।

परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। इसी भाव से छात्रों को निरंतर परिश्रम करते अपने लक्ष्य तक पहुंचना चाहिए। लक्ष्य प्राप्ति के साधनों पर बल देते हुए उन्होंने संस्कृत के लगभग 35 से अधिक क्षेत्रों से परिचित करवाया, जिसमें संस्कृत के विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त मात्रा में रोजगार के अवसर हैं।

इस व्याख्यान में अंतिम वर्ष के 112 विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी अध्यापक गण उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम के संयोजक डॉ. ज्ञानेश्वर शर्मा ने विद्यार्थियों को करिअर संबंधी जानकारी प्रदान करने के लिए आभार जताया।

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