राजगढ़ : अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर विष्णु के छठे अवतार भगवान श्री परशुराम जी का जन्मोत्सव राजगढ़ में बड़े धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। इसका आयोजन ब्राह्मण समाज कल्याण इकाई राजगढ़ के सौजन्य से किया गया है। कार्यक्रम का शुभारंभ स्थानीय शिरगुल मंदिर के प्रागंण में हवन यज्ञ से किया गया, जिसमें ब्राह्मण समाज कल्याण इकाई राजगढ़ पदाधिकारियों ने भाग लिया।
तदोपंरात शिरगुल मंदिर से पारंपरिक वाद्ययंत्रों और वैदिक मंत्रों के साथ शिरगुल चौक तक भव्य शोभा यात्रा निकाली गई, जिसमें एसडीएम राजगढ़ राजकुमार ठाकुर, जिप सदस्य सतीश ठाकुर सहित समाज के सभी वर्गों के सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। इस दौरान भगवान श्री परशुराम के जयघोषों से समूचा राजगढ़ गुंजायमान हो उठा।

शिरगुल चौक पर आयोजित कार्यक्रम में एसडीएम राजगढ़ राजकुमार ठाकुर ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भगवान परशुराम एक महान योद्धा थे, जिन्होंने धरा को बढ़ते पाप और आसुरी शक्तियों से मुक्त कराने के साथ धर्म की रक्षा के लिए अतुलनीय कार्य किया।
आचार्य सुभाष शर्मा ने अपने प्रवचन में भगवान श्री परशुराम के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भगवान श्री परशुराम विष्णु के छठे अवतार और जमदग्नि ऋषि व माता श्री रेणुकाजी के पुत्र हैं, जिनका जन्म वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हुआ।
भगवान श्री परशुराम ने पृथ्वी पर हो रहे पाप व अधर्म का नाश करके धर्म की रक्षा की। भगवान परशुराम चिरंजीवियों में से एक हैं, जो आज भी अजर और अमर हैं।
पंडित सुनील शास्त्री और अनूप शर्मा ने बताया कि धार्मिक ग्रंथों में अक्षय तृतीय को चार स्वयं सिद्ध मुहुर्त में से एक माना जाता है, जबकि अन्य तीन स्वयं सिद्ध मुहुर्त में दीपावली, दशहरा और चैत्र शुक्ल प्रतिपदा माने जाते हैं। इन चार स्वयं सिद्ध मुहुर्त में किया हुआ कोई भी कार्य शुभ माना जाता है।
ब्राह्मण समाज कल्याण इकाई राजगढ़ के अध्यक्ष हरदेव भारद्वाज ने बताया कि भगवान श्री परशुराम के जन्मोत्सव पर इकाई की ओर से विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।