नाहन : जिला सिरमौर में वन विभाग का 60 साल पुराना एक रेस्ट हाउस जलकर राख हो गया। घटना वन मंडल राजगढ़ की हाब्बन रेंज के तहत ठंडीधार में सोमवार तड़के 3 से 4 बजे के आसपास पेश आई।
गनीमत ये रही कि इस दौरान फॉरेस्ट गार्ड यहां नहीं थे। जिस वक्त ये घटना हुई, उस दौरान फॉरेस्ट गार्ड फूला राम गश्त पर रवाना थे। वरना बड़ा हादसा हो सकता था। आशंका जताई जा रही है कि असामाजिक तत्वों ने इस रेस्ट हाउस को पेट्रोल छिड़क आग के हवाले किया।
इस घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं कि कहीं फॉरेस्ट गार्ड को जिंदा जलाने की कोशिश तो नहीं की। सूत्रों से जानकारी मिली है कि फॉरेस्ट गार्ड ने कुछ दिन पहले बेशकीमती देवदार की लकड़ी बरामद की थी। लिहाजा, आशंका यही जताई जा रही है कि इसी वजह से किन्हीं असामाजिक तत्वों ने इस वारदात को अंजाम दिया।
बताया जा रहा है कि मौके से पेट्रोल की बोतल भी मिली है। इससे रेस्ट हाउस को आग लगाने की संभावना और पुख्ता हो रही है। इस घटना से दो कमरे, किचन और एक हॉल का पूरा रेस्ट हाउस जलकर राख हो गया। इससे 45 लाख रुपये का नुकसान आंका गया है। विभाग के मुताबिक ये रेस्ट हाउस 1965 से बना था।
वन मित्र ने इस घटना की सूचना उच्चाधिकारियों को दी। इसके तुरंत बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे। तब तक सब कुछ जलकर राख हो चुका था। हैरानी इस बात की है कि गत रात क्षेत्र में मूसलाधार बारिश जारी थी।
इसके बावजूद आग ने देवदार से निर्मित पूरे रेस्ट हाउस को अपनी चपेट में ले लिया। इसकी शिकायत वन विभाग ने पुलिस को दी है। बहरहाल, घटना की जांच के बाद ही सब साफ हो पाएगा।
डीएफओ राजगढ़ समीर राज ने बताया कि पुलिस को शिकायत दे दी गई है। उन्होंने माना कि संभावना यही जताई जा रही है कि रेस्ट हाउस को अज्ञात तत्वों ने पेट्रोल छिड़क आग के हवाले किया है। पुलिस इसकी जांच कर रही है। ये रेस्ट हाउस 60 साल पुराना था। पुलिस जांच के बाद ही सब साफ हो पाएगा।
उधर, डीएसपी राजगढ़ वीसी नेगी ने बताया कि पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है। हर पहलू की मामले की गहनता से जांच की जा रही है।