सिरमौर में तैयार हो रहा ये सुपर स्ट्रक्चर, नाम है ‘बो-स्ट्रिंग ब्रिज’, जानें इसकी खासियत

सबसे बड़ी बात इस पुल के शुरू होते ही वाहन चालकों को हाईवे पर 400 मीटर की घुमावदार दूरी से मुक्ति मिल जाएगी। ये ब्रिज दशकों पुराने आर्ट ब्रिज की जगह लेगा, जो मौजूदा समय में जर्जर भी हो चुका है।

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नाहन : देहरादून-पांवटा साहिब-कालाअंब-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे-07 पर अब जल्द ही इंजीनियरिंग का एक शानदार नमूना देखने को मिलेगा। खजुरना में मारकंडा पर 19 करोड़ रुपए की लागत से ‘बो-स्ट्रिंग ब्रिज’ का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जो जिला सिरमौर का पहला ‘धनुषाकार’ सुपर स्ट्रक्चर होगा।

180 मीटर लंबे इस लोहे के पुल की खासियत यह है कि इसका पूरा लोड़ इसके आर्क और कॉलम पर संतुलन बनाए रखेगा, जिससे यह पारंपरिक पुलों से कहीं अधिक मजबूत और टिकाऊ होगा। सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय द्वारा निर्मित किया जा रहा यह ब्रिज डबल-लेन तो होगा ही, साथ ही इसमें राहगीरों के लिए दोनों तरफ फुटपाथ भी बनाए जाएंगे।

सबसे बड़ी बात इस पुल के शुरू होते ही वाहन चालकों को हाईवे पर 400 मीटर की घुमावदार दूरी से मुक्ति मिल जाएगी। ये ब्रिज दशकों पुराने आर्ट ब्रिज की जगह लेगा, जो मौजूदा समय में जर्जर भी हो चुका है।

दरअसल, बो-स्ट्रिंग ब्रिज जल्द बनकर तैयार हो जाएगा। 19 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इस 180 मीटर लंबे ब्रिज पर 60-60 मीटर के तीन स्पैन तैयार हो रहे हैं। धरातल पर 2 कॉलम पर बनाया जा रहा ये ब्रिज लोहे का होगा। बो-स्ट्रिंग ब्रिज को धनुषाकार आकृति का पुल भी कहा जाता है। सिर्फ इसका स्लैब कंकरीट का होगा।

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विभाग ने इस ब्रिज को तैयार करने की टाइमलाइन 2 अप्रैल तक निर्धारित की है। इसे लेकर दिन-रात कार्य प्रगति पर है। जिला सिरमौर में अपनी तरह का ये पहला ब्रिज होगा।

ब्रिज पर पड़ने वाली स्लैब से आर्क के सेंटर प्वाइंट तक इसकी ऊंचाई 9 मीटर होगी, जबकि धरातल यानी नदी से इसकी ऊंचाई 21 मीटर होगी। अभी ये ब्रिज डबल-लेन बनकर तैयार हो रहा है।

भविष्य में फोरलेन बनने पर इसके समानांतर एक और ऐसा ही ब्रिज बनकर तैयार होगा। इसके साथ साथ इसमें राहगीरों के पैदल चलने के लिए दोनों तरफा फुटपाथ भी बनेंगे, जो क्रैश बैरियर से लैस होंगे। ये सब इस ब्रिज को खास बनाएंगे।

वर्तमान में आर्ट ब्रिज पर बढ़ रहा ट्रैफिक दबाव
बता दें कि वर्तमान में खजुरना में ही दशकों पुराना आर्ट ब्रिज जर्जर हालत में पहुंच चुका है। यह आर्ट ब्रिज चौड़ाई में कम होने के कारण काफी तंग भी है। हरिद्वार, देहरादून, पांवटा साहिब, चंडीगढ़, शिमला, नाहन आदि के लिए हजारों की संख्या में रोजाना छोटे-बड़े और भारी वाहनों की आवाजाही इसी ब्रिज से हो रही है। वाहनों का दबाव दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है।

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इसके साथ साथ पुराने आर्ट ब्रिज के लिए नेशनल हाईवे पर दोनों छोरों पर तीखे मोड़ हैं। ऐसे में कई बार यहां हादसे भी हो चुके हैं। इसके अलावा आर्ट ब्रिज को पैदल क्रॉस करने के लिए भी लोगों की सुविधा के लिए कोई फुटपाथ नहीं हैं। चौड़ाई कम होने से राहगीरों के लिए भी पुल पर खतरा बढ़ जाता है। इन सब दुश्वारियों को ध्यान में रखते हुए नए पुल का निर्माण करवाया जा रहा है।

पुराने आर्ट ब्रिज के साथ इस पुल के बनने से सीधे तौर पर 400 मीटर की दूरी कम हो जाएगी। यानी इस हाईवे पर वाहन चालकों को अब घुमावदार सफर नहीं करना पड़ेगा। खजुरना पहुंचते ही इस पुल के माध्यम से सीधी अप्रोच हो जाएगी।

क्या कहते हैं अधिकारी
नेशनल हाईवे नाहन मंडल के अधिशासी अभियंता ई. राकेश खंडूजा ने बताया कि इस पुल की अपनी अलग खासियत है। नेशनल हाईवे-07 पर बन रहा ये ब्रिज सिरमौर का पहला होगा। बो-स्ट्रिंग ब्रिज अपनी कम ऊंचाई और धनुष जैसी आकृति के लिए जाना जाता है। यह डिजाइन पारंपरिक मेहराबदार पुलों की तुलना में नींव की आवश्यकता को कम करता है, खासकर जहां जमीन की स्थिति अनुकूल न हो। यह ब्रिज लोड़ को बेहतर ढंग से वितरित करने में सक्षम है।

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उधर, एनएच के कनिष्ठ अभियंता ई. रामलाल शर्मा ने बताया कि पुल का तमाम कार्य हाईवे के अधिकारियों की देखरेख में चल रहा है। दिन-रात पुल के निर्माण कार्य को अंजाम दिया जा रहा है, ताकि निर्धारित टाइमलाइन में इसे पूरा किया जा सके। उन्होंने बताया कि वह स्वयं साइट पर रात-दिन डटे हैं। जल्द ही पुल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।