ड्रग पैडलर्स के खिलाफ तैयार होगा एक्शन प्लान, सलाखें ही इनकी सबसे उपयुक्त जगह

हिमाचल प्रदेश पुलिस के एडीजीपी जेपी सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस एक्शन प्लान के तहत लोगों को भी बड़े स्तर पर जागरूक किया जाए, ताकि नशा तस्करों को पकड़ने में और अधिक कामयाबी मिल सके.

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नाहन : नशे का बढता कारोबार खासकर चिट्टा इस समय समाज के लिए सबसे अधिक चिंता का विषय बन गया है. यदि हर व्यक्ति ने इसके खिलाफ अभियान नहीं छेड़ा तो यह कब खुद के ही घर में काबिज हो जाए, इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता. इसलिए इसके खात्मे के लिए सभी की सहभागिता जरूरी है.

ये बात सोमवार को नाहन पहुंचे हिमाचल पुलिस के एडीजीपी जेपी सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कही. इससे पूर्व उन्होंने एसपी सिरमौर एनएस नेगी की मौजूदगी में पुलिस अधिकारियों और समस्त थाना के एसएचओ की बैठक ली.

इस दौरान एडीजीपी ने 3 राज्यों की सीमाओं के साथ सटे जिला सिरमौर में नशे के अवैध कारोबार पर सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश पुलिस अधिकारियों को दिए. साथ ही अपराध की रोकथाम सहित अन्य कुछेक मामलों में भी उचित दिशा निर्देश जारी किए गए. करीब पौने घंटे तक चली इस बैठक के बाद एडीजीपी जेपी सिंह मीडिया से भी रूबरू हुए.

जेपी सिंह ने कहा कि वर्तमान में चिट्टे का नशा सबसे बड़ी चुनौती बन गया है. इस पर तेजी के साथ शिकंजा कसने के लिए उन्होंने एसपी सिरमौर को एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं, ताकि समाज को खोखला कर युवा पीढ़ी को बर्बाद करने में जुटे इन ड्रग पैडलर्स को इनकी सही जगह यानी सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सके.

साथ ही इस एक्शन प्लान के तहत लोगों को भी बड़े स्तर पर जागरूक किया जाए, ताकि नशा तस्करों को पकड़ने में और अधिक कामयाबी मिल सके.

उन्होंने बताया कि इस वर्ष जिला पुलिस ने विभिन्न पुलिस थानों के अंतर्गत एनडीपीएस एक्ट के तहत 35 मामलों में 50 आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है. उन्होंने इसके लिए जिला पुलिस अधिकारियों की पीठ भी थपथपाई. साथ ही हाल ही में पांवटा साहिब उपमंडल में 323 ग्राम चिट्टे की बड़ी खेप के साथ दबोचे गए 2 आरोपियों के मामले में भी पुलिस की सराहना की.

उन्होंने बताया कि इतनी अधिक मात्रा में पकड़े गए चिट्टे के केस की गंभीरता को देखते हुए भी वह यहां पहुंचे हैं. इस पूरे मामले की पुलिस गहनता से जांच कर रही है. मामले से जुड़ी जानकारी जांच के बाद ही साझा की जाएगी.

एडीजीपी ने कहा कि पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि हाई स्कूल और कॉलेज स्तर पर विद्यार्थियों को नशे के दुष्परिणामों बारे जागरूक किया जाए. कम से कम सप्ताह के एक दिन पुलिस अधिकारी हर थाना व चौकी स्तर पर शिक्षण संस्थानों में पहुंचकर जागरूकता फैलाएं.

उन्होंने कहा कि कैमिकल नशा समाज के लिए अब बड़ी चुनौती है. लिहाजा, इस पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस के साथ-साथ समाज के हर व्यक्ति को भी अपना नैतिक दायित्व सुनिश्चित करना होगा.