आपदा के बाद आवश्यकताओं के आकलन को लेकर डीसी ने आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों के साथ की बैठक

डीसी ने बताया कि जिले में कुछ ऐसे ग्राम क्षेत्र भी हैं, जहां भवन संरचनात्मक रूप से तो सुरक्षित प्रतीत होते हैं, लेकिन भू-स्तर एवं भौगोलिक संरचना के कारण वे विशेष रूप से संवेदनशील स्थिति में हैं। आपदा के दौरान जिन मकानों में दरारें आई थीं, उनमें अब समय के साथ यह दरारें बढ़ रही हैं जो गंभीर चिंता का विषय है।

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चंबा : डीसी मुकेश रेपसवाल ने गुरुवार को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकृत आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों के साथ बैठक की।

बैठक में गत मानसून सीजन के दौरान जिले में हुई भारी क्षति के पश्चात आवश्यकताओं के आकलन (पोस्ट डिजास्टर नीड्स असेसमेंट) से संबंधित विभिन्न विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।

बैठक में एडीसी अमित मैहरा, एएसपी हितेश लखनपाल, एसडीएम प्रियांशु खाती समेत आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों में विनय कुमार, अमित टंडन, मंजीत सिंह, नितिन शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे।

डीसी ने बताया कि जिले में कुछ ऐसे ग्राम क्षेत्र भी हैं, जहां भवन संरचनात्मक रूप से तो सुरक्षित प्रतीत होते हैं, लेकिन भू-स्तर एवं भौगोलिक संरचना के कारण वे विशेष रूप से संवेदनशील स्थिति में हैं।

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आपदा के दौरान जिन मकानों में दरारें आई थीं, उनमें अब समय के साथ यह दरारें बढ़ रही हैं जो गंभीर चिंता का विषय है। बैठक में पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से जिला में हुई क्षति का पूर्ण विवरण प्रस्तुत किया गया।

बैठक में आपदा संभावित क्षेत्रों, भू-आकृतिक संरचना, जोखिम स्तर और पूर्व आपदा अनुभवों पर विस्तृत चर्चा की गई। विभिन्न विभागीय अधिकरियों ने अपने-अपने कार्यक्षेत्र में हुई क्षति, पुनर्स्थापन कार्यों एवं राहत प्रगति की जानकारी भी बैठक में प्रस्तुत की।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेषज्ञ दल ने जिला के विभिन्न आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर वास्तविक स्थिति का आकलन किया, इनमें राष्ट्रीय उच्च मार्ग 154ए, रजेरा, सलूणी, गागला धुलाडा व अन्य क्षेत्र शामिल हैं।

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जिला विकास अधिकारी तिविंदर चिनेरिया, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास कमल किशोर शर्मा, अधिशासी अभियंता प्रवेश ठाकुर, जितेंदर शर्मा, दिनेश कुमार, हामिन्द्र चौणा, जिला कार्यक्रम अधिकारी स्वास्थ्य डॉ. कर्ण हितैषी सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी भी इस दौरान उपस्थित रहे।