हिमाचल में 20 दवा इकाइयों पर ड्रग विभाग की औचक छापेमारी, जानें क्या है पूरा मामला

ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन (डीसीए) हिमाचल प्रदेश ने पुलिस विभाग के साथ मिलकर राज्यभर में खासकर उन 20 दवा मैन्युफैक्चरिंग साइट्स पर अचानक छापे मारे

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बद्दी/नाहन : जिला सिरमौर के औद्योगिक क्षेत्र समेत प्रदेश के चार जिलों की दवा उद्योगों के संचालकों में बुधवार को हड़कंप मचा रहा। दरअसल, ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन (डीसीए) हिमाचल प्रदेश ने पुलिस विभाग के साथ मिलकर राज्यभर में खासकर उन 20 दवा मैन्युफैक्चरिंग साइट्स पर अचानक छापे मारे, जिन्हें पहले ‘प्रोडक्शन बंद करने के ऑर्डर’ दिए गए थे। सिरमौर जिले में तीन फैक्ट्रियों में जांच देर शाम तक जारी रही।

राज्य दवा नियंत्रक डॉ. मनीष कपूर ने इस बड़े घटनाक्रम की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन उन इकाइयों का निरीक्षण करने के लिए रणनीतिक रूप से पुलिस के साथ मिलकर योजनाबद्ध किया गया था, जिन्हें पहले ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के उल्लंघन के लिए उत्पादन रोकने (स्टॉप मैन्युफैक्चरिंग) के आदेश जारी किए गए थे।

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एक साथ की गई छापेमारी
जानकारी मिली है कि सिरमौर के कालाअंब के साथ साथ ऊना, कांगड़ा और सोलन जिलों में कार्रवाई अमल में लाई गई। हालांकि, निरीक्षण के दौरान किसी भी साइट पर एक्टिव प्रोडक्शन नहीं मिला, लेकिन 4 जगहों पर मिले सबूतों से जरूर ये इशारा मिला कि ‘रोक’ के बावजूद मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटीज जारी रही होंगी।

इन फाइंडिंग्स को देखते हुए डीसीए ने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स रूल्स, 1945 के प्रोविजन्स के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है।

डॉ. कपूर ने साफ किया कि उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जो भी फार्मा ऑर्डर को डिफी करती पाई जाएगी, उसे कड़े एक्शन का सामना करना पड़ेगा।

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