HRTC के कर्मचारियों को डेढ़ साल से नहीं मिली नई वर्दी, जानिए क्या है वजह, क्यों हुई देरी

प्रदेश में कुल 8,500 के करीब चालक और परिचालक निगम में सेवाएं दे रहे हैं। नियमों के तहत चालक और परिचालक के लिए वर्दी पहनना अनिवार्य है। इसके साथ साथ वर्दी पर नेम प्लेट लगाना भी जरूरी है।

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नाहन : हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) के हजारों कर्मचारियों को डेढ़ साल से नई वर्दी नहीं मिल पाई है। इसमें चालकों-परिचालकों के साथ साथ मैकेनिकल स्टाफ के कर्मचारी भी शामिल हैं। वर्दी आवंटन में हुई देरी के चलते इन कर्मचारियों में निगम प्रबंधन के प्रति रोष भी पनपा हुआ है।

प्रदेश में कुल 8,500 के करीब चालक और परिचालक निगम में सेवाएं दे रहे हैं। नियमों के तहत चालक और परिचालक के लिए वर्दी पहनना अनिवार्य है। इसके साथ साथ वर्दी पर नेम प्लेट लगाना भी जरूरी है। नियमानुसार निगम के कर्मचारियों को हर छह महीने में नई वर्दी के लिए कपड़ा मिलता है। इसमें एक वर्दी गर्मी सीजन तो सर्दी के लिए भी अलग से वर्दी मिलती है।

विडंबना ये है कि कर्मचारी नई वर्दी के इंतजार में हैं। इस देरी के कारण उन्हें न केवल फटी-पुरानी वर्दी में काम चलाना पड़ रहा है। यदि वर्दी बगैर चालक और परिचालक बस लेकर बाहरी राज्यों में पहुंचते हैं तो चालान भी कट सकता है। वर्दी मिलने में हो रही इस देरी के पीछे एक बड़ा कारण टैक्सटाइल टेंडर प्रक्रिया में आने वाली बाधाएं बताई जा रही हैं।

सूत्रों की मानें तो पिछले साल सर्दी के दौरान कर्मचारियों को वर्दी नहीं मिली और इस साल भी अब तक नई वर्दी नहीं आई है। लिहाजा, कर्मचारियों की दो वर्दियां पेंडिंग हैं। बताया ये भी जा रहा है कि पिछले साल एक बार मिली वर्दी की क्वालिटी भी सही नहीं थी। इस पर कर्मचारियों ने सवाल भी उठाए थे।

बहरहाल, कर्मचारियों को नई वर्दी का इंतजार है और उम्मीद जता रहे हैं कि जो वर्दी मिले, उसकी क्वालिटी बेहतर हो। बता दें कि अब कर्मचारियों को खाकी की बजाय स्लेटी रंग की वर्दी मुहैया करवाई जा रही है। पुरानी वर्दी के चलते कई कर्मचारी अब भी खाकी वर्दी में देखे जा सकते हैं।

उधर, HRTC के प्रबंध निदेशक (MD) डॉ. निपुण जिंदल ने माना कि वर्दी मिलने में देरी हुई है। उन्होंने बताया कि निगम के पास टैक्सटाइल इंजीनियर नहीं है। निगम ने अन्य विभाग के टैक्सटाइल इंजीनियर से टेंडर की औपचारिकताएं पूरी करवा ली हैं। उम्मीद है कि अगस्त माह तक टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद कर्मचारियों को वर्दी का आवंटन शुरू हो जाएगा।