सरकारी बसों के चालान पर भड़की जनवादी महिला समिति, ‘ओवरलोडिंग का हल अतिरिक्त बसें हैं, चालान नहीं’

उन्होंने कहा कि वे यातायात नियमों का सम्मान करते हैं, लेकिन नियमों का पालन तभी संभव है, जब लोगों के लिए पर्याप्त सुविधाएं हों। उन्होंने मांग की कि सरकार पहले अतिरिक्त बसों की व्यवस्था करे और उसके बाद ही ऐसे चालान करे।

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नाहन : ओवरलोडिंग को लेकर सरकारी बसों के किए जा रहे चालानों को लेकर लोगों में भारी रोष है। लोग इस बात से नाराज हैं कि एक तरफ तो बसें ओवरलोड जा रही हैं और दूसरी तरफ चालान करके लोगों की मुश्किलें बढ़ाई जा रही हैं।

पूर्व राज्य अध्यक्ष जनवादी महिला समिति संतोष कपूर, जिला सचिव अमिता चौहान, जिला कोषाध्यक्ष आशा शर्मा और उपाध्यक्ष सेवती कमल ने एक संयुक्त बयान जारी कर आईटीआई नाहन के समीप सरकारी बस का चालान करने पर रोष जताया। उन्होंने कहा कि चालान करने की बजाय सरकार को अतिरिक्त बसों का इंतजाम करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय पर रोजाना हजारों लोग अपने दैनिक कामों, नौकरी और अन्य सरकारी कामों के लिए आते हैं। सभी रूटों की बसों में भारी भीड़ होती है। ऐसे में बस चालक अगर स्टैंडिंग सवारियों को नहीं बिठाएंगे, तो लोग अपनी मंजिल तक कैसे पहुंचेंगे?” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार नियमित रूट भी बंद कर रही है, जिससे समस्या और भी गंभीर हो गई है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि वे यातायात नियमों का सम्मान करते हैं, लेकिन नियमों का पालन तभी संभव है, जब लोगों के लिए पर्याप्त सुविधाएं हों। उन्होंने मांग की कि सरकार पहले अतिरिक्त बसों की व्यवस्था करे और उसके बाद ही ऐसे चालान करे।

जनवादी महिला समिति ने कहा कि रामाधौण रूट पर सुबह एक अतिरिक्त बस चलाई जाए, ताकि स्कूल, कॉलेज के छात्रों और कर्मचारियों को सुविधा मिल सके। कौलांवालाभूड रोड़ पर भी एक अतिरिक्त बस शुरू की जाए, ताकि आमजन की परेशानी दूर हो। इसके साथ साथ बाईला-पंजाहल रोड़ पर भी एक अतिरिक्त बस चलाई जाए, क्योंकि इस रूट पर भी सवारियों की संख्या बहुत ज़्यादा है।

उन्होंने कहा कि इन रूटों पर बसों की कमी के कारण ही ओवरलोडिंग की समस्या है। सरकार को चाहिए कि वह जनता को सुविधाएं देना सुनिश्चित करे, न कि चालान करके उनकी मुश्किलें बढ़ाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया तो उन्हें आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा।