पांवटा साहिब : आईजीएमसी शिमला में रेजिडेंट डॉक्टर और मरीज के बीच हुई मारपीट मामले में डॉ. राघव निरूला की सेवाएं बर्खास्त करने के विरोध में शुक्रवार को उनके गृह क्षेत्र पांवटा साहिब में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। इस दौरान बाजार पूरी तरह बंद रहा। स्थानीय विधायक सुखराम चौधरी और रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन की अगुवाई में मुख्य बाजार में विरोध रैली निकाली गई और दोपहर 1 बजे तक व्यापारिक संस्थान बंद रखे गए।
विरोध प्रदर्शन में शामिल डॉक्टरों और सामाजिक संगठनों ने सरकार की कार्यप्रणाली और डाक्टर के खिलाफ की गई एकतरफा कार्रवाई पर सवाल उठाए। स्थानीय डॉक्टरों ने कहा कि जब किसी डॉक्टर पर ड्यूटी के दौरान हमला होता है, तो कार्रवाई में सालों लग जाते हैं, लेकिन इस मामले में बिना विस्तृत जांच के मात्र तीन दिनों के भीतर डॉ. राघव को टर्मिनेट कर दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने इसे अन्यायपूर्ण और जल्दबाजी में लिया गया फैसला करार दिया।
रैली में डॉ. राघव निरूला की माता रजनी निरूला भी शामिल हुईं। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि उनके बेटे के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की गई है। उन्होंने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा उनके बेटे को ‘गुंडा’ कहे जाने पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि एक शिक्षित डॉक्टर के लिए इस तरह की शब्दावली का प्रयोग करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने मांग की कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
पूर्व ऊर्जा मंत्री एवं स्थानीय विधायक सुखराम चौधरी ने कहा कि सरकार बदले की भावना और दबाव में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि डॉ. राघव के साथ पूरा पांवटा साहिब खड़ा है और यदि सरकार ने अपनी दमनकारी नीति नहीं बदली और बर्खास्तगी वापस नहीं ली, तो इस आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। इस मौके पर सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन, विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और भारी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।





