सड़क के बीच खंभों से हादसे पर हाईकोर्ट का संज्ञान, बिजली बोर्ड को फटकार, ऐसी सड़कों का मांगा ब्यौरा

यह मामला पांवटा साहिब के बद्रीपुर-पुरुवाला सड़क चौड़ीकरण योजना से जुड़ा है। सड़क तो चौड़ी हो गई, लेकिन अधिकारियों ने सड़क के बीच में खड़े बिजली के खंभों और ट्रांसफार्मरों को हटाने की जहमत नहीं उठाई। इसी लापरवाही का शिकार एक युवक हो गया, जिसकी बाइक रात के अंधेरे में इन्हीं खंभों से टकरा गई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

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शिमला : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पांवटा साहिब में सड़क के बीच खड़े बिजली के खंभों और ट्रांसफार्मर की वजह से हुए एक दर्दनाक हादसे पर कड़ा संज्ञान लिया है। इस हादसे में एक युवक की जान चली गई थी। कोर्ट ने इसे घोर लापरवाही माना और कहा कि इसे किसी भी सूरत में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार समेत बोर्ड को नोटिस जारी किए हैं।

मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वतः संज्ञान लिया है। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राज्य सरकार और बिजली बोर्ड यह रिपोर्ट पेश करें कि पूरे प्रदेश में ऐसी कितनी सड़कें हैं, जिनके बीचों-बीच बिजली के खंभे और ट्रांसफार्मर खड़े हैं।

उल्लेखनीय है कि यह मामला पांवटा साहिब के बद्रीपुर-पुरुवाला सड़क चौड़ीकरण योजना से जुड़ा है। सड़क तो चौड़ी हो गई, लेकिन अधिकारियों ने सड़क के बीच में खड़े बिजली के खंभों और ट्रांसफार्मरों को हटाने की जहमत नहीं उठाई। इसी लापरवाही का शिकार एक युवक हो गया, जिसकी बाइक रात के अंधेरे में इन्हीं खंभों से टकरा गई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

अदालत को एक पत्र के माध्यम से इस घटना की जानकारी मिली थी, जिसके बाद कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका में बदल दिया। हाईकोर्ट के इस सख्त रुख के बाद अब राज्य में ऐसी लापरवाहियों पर लगाम लगने की उम्मीद है। कोर्ट ने साफ कहा है कि इस तरह की अनदेखी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।

इस मामले की अगली सुनवाई 9 सितंबर को होगी, जब सरकार और बिजली बोर्ड को पूरी जानकारी के साथ पेश होना होगा। हाईकोर्ट के इस कदम से आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर एक सकारात्मक संदेश गया है।