भारी बारिश के अलर्ट के बीच सिरमौर जिले में आज बंद रहेंगे सभी सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थान, आदेशों पर खड़ा हुआ बड़ा सवाल

आदेश में कहा गया है कि लगातार बारिश के कारण ग्रामीण सड़कों पर आवागमन प्रभावित हुआ है और पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है, जिससे छात्रों के लिए स्कूल आना-जाना जोखिम भरा हो सकता है।

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नाहन : मौसम विभाग द्वारा शुक्रवार के लिए भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी किए जाने के बाद सिरमौर जिला प्रशासन ने संभावित भूस्खलन, बाढ़ और सड़कों पर रुकावट जैसी घटनाओं से बचाव के लिए 29 अगस्त, 2025 को जिले के सभी सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थानों और आंगनबाड़ियों को बंद रखने के आदेश जारी कर दिए हैं।

जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अध्यक्ष, प्रियंका वर्मा द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार यह निर्णय छात्रों और सार्वजनिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक एहतियाती कदम के तौर पर लिया गया है, लेकिन सवाल यह उठता है कि जब मौसम विभाग ने पहले ही यलो अलर्ट जारी कर दिया था तो समय पर छुट्टी की घोषणा क्यों नहीं की गई।

प्रशासन ने सुबह सवा 8 बजे के आसपास इस आदेश की कॉपी व्हाट्सएप ग्रुपों में डाल औपचारिकता पूरी की। तब तक अधिकांश स्कूलों में बच्चे पहुंच चुके थे। जिला के ग्रामीण इलाकों में बच्चे बसों से स्कूल पहुंचते हैं। कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां से स्कूल पहुंचने के लिए बच्चों को अपने घरों से 2 घंटे पहले निकलना पड़ता है। ऐसे में इन आदेशों का कोई औचित्य नहीं बन सका।

कई अभिभावकों ने कहा कि मौसम विभाग लगातार चेतावनी जारी कर रहा है तो प्रशासन पहले ही उचित कदम क्यों नहीं उठाता। जैसे ही शुक्रवार को बच्चे स्कूल पहुंचे तो उन्हें इन आदेशों का हवाला देते हुए आनन फानन में घर भेज दिया।

अब जो बच्चे बसों या अन्य माध्यमों से स्कूल पहुंचे थे, वह समय पर घर कैसे पहुंचेंगे। ये भी बड़ा सवाल है। कई क्षेत्रों में समय पर बसें नहीं है और खराब सड़कों के कारण आना जाना पहले ही जोखिम भरा साबित हो रहा है। छुट्टी के बाद अपने बच्चों को घर लाने के लिए अभिभावकों को भारी बारिश के बीच कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

बहरहाल, आदेश में कहा गया है कि लगातार बारिश के कारण ग्रामीण सड़कों पर आवागमन प्रभावित हुआ है और पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है, जिससे छात्रों के लिए स्कूल आना-जाना जोखिम भरा हो सकता है।

हालांकि, आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को छुट्टी नहीं दी गई है और उन्हें निर्धारित समय पर अपने संस्थानों में उपस्थित रहना होगा।

जिला प्रशासन ने सभी संबंधित संस्थानों और अधिकारियों को इस आदेश का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। यह कदम संभावित खतरों से निपटने और जनहानि को रोकने के लिए उठाया गया है।