सिरमौर : सह निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार संभालते ही शुरू हो गई डॉ. मित्तल के तबादले की राजनीति! पढ़ें क्या है मामला

कभी गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन के लिए मशहूर रहे इस सबसे पुराने केंद्र में वैज्ञानिकों के सेवानिवृत्त होने के बाद कुछ कथित कर्मियों ने अपना ऐसा वर्चस्व कायम कर लिया कि अब यहां किसी भी बड़े अधिकारी की तैनाती उन्हें रास नहीं आ रही है।

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नाहन : जिस पर्वतीय कृषि अनुसंधान एवं प्रसार केंद्र धौलाकुआं को कभी हिमाचल प्रदेश की कृषि अनुसंधान की रीढ़ माना जाता था, आज वह केंद्र लगातार उपेक्षा और कथित कर्मचारियों की लालफीताशाही के कारण खुद अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है।

कभी गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन के लिए मशहूर रहे इस सबसे पुराने केंद्र में वैज्ञानिकों के सेवानिवृत्त होने के बाद कुछ कथित कर्मियों ने अपना ऐसा वर्चस्व कायम कर लिया कि अब यहां किसी भी बड़े अधिकारी की तैनाती उन्हें रास नहीं आ रही है।

इसका जीता-जागता प्रमाण तब देखने को मिला जब कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. पंकज मित्तल को इस अनुसंधान केंद्र के सह निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया।

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जैसे ही उन्होंने केंद्र की बागडोर संभाली, उन्हें जांच में कई गंभीर विसंगतियां मिलीं। जब डॉ. मित्तल ने इन विसंगतियों पर सख्ती बरती, तो वर्षों से एक ही जगह पर जमे कुछ ऐसे कथित कर्मचारियों ने एकजुट होकर एक स्थानीय नेता का सहारा लिया और उनके तबादले की राजनीति शुरू कर दी।

जानकार सूत्रों की मानें तो केंद्र के सह निदेशक रहे डॉ. धीरेन्द्र सिंह की जून माह में सेवानिवृत्ति के बाद ऐसे कथित कर्मचारियों ने ही यहां किसी वैज्ञानिक अधिकारी की नियुक्ति में अड़ंगा डाले रखा, ताकि वह अपनी मनमर्जी के मुताबिक इस केंद्र की प्रशासनिक व्यवस्था को निजी स्वार्थों के अनुसार हांक सकें।

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हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान डॉ. मित्तल को अपमानित भी किया गया और मामले को दबाने के लिए उन पर राजनीतिक दबाव बनाने का प्रयास भी हुआ। हालांकि इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन यह साफ है कि वर्षों से डटे कर्मचारी अपने नवनियुक्त अधिकारी की नींव हिलाने में लगे हुए हैं।

गौरतलब है कि डॉ. मित्तल ने अपने तीन वर्षों के कार्यकाल में कृषि विज्ञान केंद्र सिरमौर को राष्ट्रीय पहचान दिलाने के साथ उसकी दशा और दिशा को सफलतापूर्वक बदला है। उनके कृषि विज्ञान केंद्र को कई पुरस्कार मिल चुके हैं।

मौजूदा समय में भी वह कृषि विज्ञान केंद्र धौलाकुआं के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रभारी हैं, जिन्हें हाल ही में कृषि अनुसंधान केंद्र के सह निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। सूत्र बताते हैं कि एक ईमानदार अफसर के लिए ये जिम्मेदारी मिलना उन्हीं के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।

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उधर, डॉ. पंकज मित्तल से इस विषय पर उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने सरकारी नियमों की बाध्यता बताते हुए टिप्पणी करने से मना कर दिया और कहा कि इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ही अधिकृत है।