शिलाई : हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर से एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जहां 2 ग्रामीण डेढ़ से दो क्विटंल वजनी बीमार गाय को पीठ पर उठाकर सड़क तक पहुंचाते हुए नजर आए। साथ ही अन्य ग्रामीण भी गाय को सहारा दे रहे हैं। इन ग्रामीणों ने मानवता की मिसाल पेश कर बेजुबान पशु की जान बचाई है।
- व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़िए : https://chat.whatsapp.com/Bt5i2xDZdHIJRSRE3FkG4m
दरअसल, यह मामला करीब एक सप्ताह पहले का है, जिसका वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। पड़ताल करने पर पाया गया कि ये वीडियो शिलाई विधानसभा क्षेत्र की क्यारी गुंडाह के कुराई गांव का है। इस गांव के दीप राम शर्मा की गाय कई दिन से बीमार थी और उसे तुरंत इलाज की आवश्यकता थी।
वेटरनरी अस्पताल हालांकि केवल 3 किलोमीटर दूर गुडाहां गांव में था, लेकिन भारी बरसात के कारण पहाड़ी रास्ता कई जगहों से टूट चुका था। लिहाजा, बीमार गाय को अस्पताल पहुंचाना एक बड़ी चुनौती बन गया था। उसे वाहन से ले जाना तो दूर, पैदल ले जाना भी लगभग असंभव था। इस बीच गौमाता की जान बचाने के लिए दयाराम और लाल सिंह देवदूत बनकर आगे आए।
- फेसबुक पेज से जुड़िए : https://www.facebook.com/aapkibaatnewsnetwork
उन्होंने इस असंभव से लगने वाले कार्य को संभव कर दिखाया। उन्होंने रस्सियों की मदद से डेढ़ से दो क्विंटल वजनी गाय को अपनी पीठ पर बांधा और जोखिम भरे पहाड़ी रास्ते पर चलना शुरू किया। जरा सी चूक या संतुलन बिगड़ने का परिणाम जानलेवा दुर्घटना हो सकता था, लेकिन ग्रामीणों ने धैर्य और सूझबूझ से काम लिया।
इस दौरान अन्य ग्रामीणों ने भी उनके पीछे-पीछे चलकर पीठ पर बंधी गाय को सहारा देकर उसे अस्पताल पहुंचाने में अपना भरपूर सहयोग किया। सधे हुए कदमों से चलते हुए उन्होंने गाय को रास्ते का टूटा हुआ हिस्सा पार कराया और गाय को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया, जहां उसे उचित इलाज मिल सका। एक दिन इलाज के बाद गाय अब बिल्कुल स्वस्थ है।
इन दोनों ग्रामीणों की गौ सेवा, साहस और मानवता के अनूठे और प्रेरणादायक प्रयासों की चारों ओर सराहना हो रही है। उधर, क्यारी गुंडाह पंचायत की प्रधान स्नेह लता ने बताया कि इन दोनों ग्रामीणों ने बीमार गाय को पीठ पर उठाकर करीब 300 से 400 मीटर का टूटा और चढ़ाई वाला रास्ता पार करवाया। ये दोनों मानवीयता और गौसेवा की बड़ी मिसाल बने हैं।