सिरमौर : जाता मानसून सिरमौर जिले में भी अब भारी पड़ने लगा है। बारिश से जिले में हो रही तबाही की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं। बारिश के कारण सार्वजनिक और निजी संपत्तियों के साथ-साथ फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
इस कहर ने कई लोगों के घरों को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है। गत दिन नाहन तहसील की बनकला पंचायत में खजुरना गांव के रमजान पुत्र मुंशी का मकान रहने लायक नहीं बचा है।
मकान की दीवारों में बड़ी दरारें आ गई हैं और इसका लगभग 80 फीसदी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो चुका है। पटवारी ने नुकसान की रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेज दी है। वहीं, ददाहू तहसील के कटाहां गांव में मान सिंह के कच्चे मकान को भी नुकसान पहुंचा है, जिसका अनुमानित नुकसान 50 हजार रुपये है।
इसके अलावा, पच्छाद और शिलाई क्षेत्रों में गौशालाओं को भी भारी नुकसान हुआ है। पझौता के द्राबला गांव में राधा देवी की गौशाला की छत गिर गई है और दीवारों में दरारें आ गई हैं। वहीं, शिलाई के कमरऊ तहसील के जाखल में उदय राम की गौशाला को भी लगभग 60 हजार रुपये का नुकसान हुआ है, जिसकी रिपोर्ट पटवारी ने प्रशासन को भेजी है।
फसलें बर्बाद, किसान परेशान
बारिश से किसानों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। लगातार हो रही बारिश से बाता नदी उफान पर है, जिससे निचली कोटड़ी गांव में नदी किनारे की उपजाऊ भूमि कटकर बह गई है।
खेतों में खड़ी धान और मक्की की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अचानक बढ़े जलस्तर के कारण खेतों की फसल, पेड़-पौधे और बाढ़ सब कुछ पानी में बह गया। पंचायत प्रधान सुरेश कुमार ने प्रशासन से जल्द से जल्द राहत और मुआवजे की मांग की है।
सड़कें और पानी की सप्लाई ठप
जिले में भारी भूस्खलन और मलबा गिरने से 52 सड़कें दूसरे दिन भी बंद रहीं। इससे लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सबसे ज्यादा सड़कें लोक निर्माण विभाग के पांवटा साहिब डिवीजन में प्रभावित हुई हैं, जहां 14 सड़कें बंद हैं। इसके अलावा शिलाई में 11, राजगढ़ में 10, नाहन में 10, संगड़ाह में 6 और सराहां में 1 सड़क बंद है। यात्री और वाहन चालक गंतव्य तक पहुंचने के लिए लंबा सफर तय करने को मजबूर हैं।
किसान भी अपनी फसलें बाजार तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। जलशक्ति विभाग को भी इस बारिश से भारी नुकसान हुआ है। पांवटा साहिब डिवीजन में 10 योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिनमें 9 पेयजल और 1 सिंचाई योजना शामिल है। विभाग ने इस नुकसान का अनुमानित मूल्य 35 लाख रुपये आंका है।