जनवरी माह तक दो माह से अधिक पुराने सभी इंतकाल के मामलों का होगा निपटारा

डीसी ने कहा कि छह माह से अधिक समय से लंबित निशानदेही और तकसीम के मामलों को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाए, जबकि दो माह से अधिक समय से लंबित सभी इंतकाल के मामलों का निपटारा जनवरी माह तक अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए।

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मंडी : डीसी अपूर्व देवगन ने बुधवार को डीआरडीए के सम्मेलन कक्ष में आयोजित राजस्व अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिले में लंबित राजस्व मामलों के शीघ्र एवं निष्पक्ष निपटारे पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि छह माह से अधिक समय से लंबित निशानदेही और तकसीम के मामलों को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाए, जबकि दो माह से अधिक समय से लंबित सभी इंतकाल के मामलों का निपटारा जनवरी माह तक अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए।

डीसी ने फेयर डिसपोजल पर फोकस करते हुए ठोस रणनीति बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए। बैठक में एक सितंबर से 30 नवंबर की अवधि से संबंधित पूर्व डाटा और नवीनतम स्थिति के आधार पर राजस्व न्यायालय मामलों, म्यूटेशन, दुरुस्त जमाबंदी, राहत मामलों, पटवारखानों की स्थिति, स्वामित्व योजना, स्टांप एवं पंजीकरण, माय डीड, देवी-देवता और भूमिहीनों को भूमि आवंटन से संबंधित मामलों की विस्तृत समीक्षा की गई।

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इसके साथ ही सीएम सेवा संकल्प, ई-समाधान पोर्टल और जिला लोक शिकायत निवारण प्रकोष्ठ में लंबित शिकायतों की स्थिति की भी समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को समयबद्ध निपटारे के निर्देश दिए गए।

डीसी ने कहा कि आपदा के दौरान जिले के सभी राजस्व अधिकारियों द्वारा सराहनीय कार्य किया गया है और अब उसी प्रतिबद्धता के साथ नियमित राजस्व कार्यों में भी तेजी लाई जाए। उन्होंने बल्ह उपमंडल में अपेक्षाकृत कम प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि वे शीघ्र ही उपमंडल का दौरा करेंगे, ताकि कार्यों की प्रगति का मौके पर आकलन किया जा सके।

आधार और मोबाइल सीडिंग में तेजी लाने के निर्देश
डीसी ने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि 30 और 31 दिसंबर को आयोजित होने वाली राजस्व अदालतों के दौरान भूमि खातों की आधार और मोबाइल सीडिंग के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। उन्होंने बताया कि जिले में कुल 9,81,445 भूमि खातों में से अब तक 3,54,699 भूमि खातों की ही आधार सीडिंग हो पाई है, जिसे प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाना आवश्यक है।

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उन्होंने यह भी बताया कि 1955 से लेकर 1990 तक की लेगेसी प्रविष्टियों की स्कैनिंग और डिजिटाइजेशन का कार्य लगभग शतप्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है, जो राजस्व अधिकारियों की मेहनत और प्रतिबद्धता का प्रतिफल है।

बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त गुरसिमर सिंह, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी डॉ मदन कुमार, जिला राजस्व अधिकारी हरीश शर्मा सहित विभिन्न उपमंडलों के एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार उपस्थित रहे।

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