पवित्र चूड़धार यात्रा पर लगेगा ये शुल्क, आपसे कितना लिया जाएगा, किसे मिलेगी छूट, फाइनल हुईं दरें

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नाहन : 11965 फीट की ऊंचाई पर स्थित हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल चूड़धार जाने पर अब श्रद्धालुओं को शुल्क अदा करना पड़ेगा. इसके लिए अलग-अलग दरें निर्धारित की गई हैं. इन दरों को फाइनल कर दिया है. अब इसे लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है.

दरअसल, ईको डेवलपमेंट कमेटी चूड़धार ने ये कदम पर्यावरण संरक्षण और पवित्र स्थल की स्वच्छता बनाए रखने से लिए उठाया है. चूड़धार एक सेंचुरी एरिया है. लिहाजा चूड़धार वाइल्ड लाइफ सेंचुरी और ईडीसी ने पिछले दिनों बैठक कर शुल्क निर्धारित करने का फैसला लिया था. अब इन शुल्क दरों को अंतिम रूप दे दिया है. इसके अनुसार 10 कैटेगरी बनाई गई हैं. इसके लिए बकायदा रसीदें भी प्रकाशित कर दी हैं. ये एक तरह का परमिट होगा, जो वन्य जीव अभ्यारण में प्रवेश के लिए लोगों को जारी किया जाएगा.

चूड़धार के रास्तों पर बनाई जाएंगी गुमटियां
बता दें कि चूड़धार के लिए जाने वाले रास्तों पर गुमटियां बनाई जाएंगी, जिसमें कमेटी में शामिल तीन पंचायतों के युवाओं को तैनात किया जाएगा. नौहराधार के रास्ते पर जमनाला में इसे तैयार करने का प्रस्ताव है, तो पुलवाहल के रास्ते में खड़ाच में इसे बनाया जाएगा. अन्य रास्तों पर भी गुमटियां तैयार होंगी.

ये दरें की निर्धारित
चूड़धार यात्रा पर जाने वाले लोगों में हिमाचलियों से प्रति व्यक्ति 20 रुपए शुल्क लिया जाएगा. जबकि गैर हिमाचली से 50 रुपए, विदेशियों से 200 रुपए लिए जाएंगे.

इसके साथ साथ ट्रैकर, हाइकर्स और कैंपर्स से 100 रुपए, फोन कैमरे को छोड़कर कैमरा साथ ले जाने वाले यात्रियों से 50 से 100 रुपए, मूवी, डाक्यूमेंट्री शूटिंग के लिए 10 हजार से 15 हजार प्रतिदिन, शादी की शूटिंग के लिए 3 हजार रुपए प्रतिदिन, टैंटिंग (भारतीय नागरिक) से 200, 300 और 400 रुपए प्रति, टेंट लगाने (विदेशी नागरिक) के लिए 500 प्रति टेंट/दिन के अलावा खच्चर और घोड़े से यात्रा के लिए 100 रुपए वसूले जाएंगे.

इनके लिए रहेगी छूट
सोलन, शिमला और सिरमौर के यात्रियों के लिए ये स्वैच्छिक होगा. इसमें टैंटिंग शुल्क शामिल नहीं है. इसके साथ साथ चूड़धार यात्रा पर जाने वाली जातर से किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. वहीं शिरगुल महाराज के मंदिर में जाने वाले सामान, खच्चर व घोड़े अथवा लोगों से भी कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा.

हर साल चूड़धार पहुंचते हैं लाखों श्रद्धालु
शिरगुल महाराज के दर्शनों के लिए हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु चूड़धार पहुंचते हैं. जहां लंगर और ठहरने की व्यवस्था चूड़ेश्वर सेवा समिति की ओर से की जाती है. इसी माह बैशाख संक्रांति पर शिरगुल महाराज मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं.

प्रशासन की ओर एक मई से चूड़धार यात्रा पर लगी रोक भी हटा दी जाएगी. मंदिर के कपाट खुलने के बाद श्रद्धालु मंदिर पहुंचना शुरू हो गए हैं. दरअसल चूड़धार में बर्फबारी की वजह से हर साल नवबंर और दिसंबर के बाद यात्रा पर रोक लगाई जाती है, जिसे मई माह में बहाल किया जाता है.

युवाओं को मिलेगा रोजगार
उधर वाइल्ड लाइफ के वन परिक्षेत्राधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि यात्रा परमिट की दरें यानी शुल्क फाइनल कर लिया गया है. जल्द ही इसे लागू कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसमें तीन पंचायतों के युवाओं को भी रोजगार मिलेगा. यात्रा शुल्क का 75 फीसदी सरकार के खाते में जमा होगा. जबकि 25 फीसदी नवयुवक मंडलों के युवाओं को मिलेगा.

टेंटिंग साइट से लिए जाने वाले शुल्क में 60 फीसदी हिस्सेदारी नवयुवक मंडल की होगी. जबकि 40 फीसदी सरकार को जाएगा. उन्होंने कहा कि शुल्क दरें लागू करने से पहले टेंडर भी किए जा सकते हैं. निर्धारित शुल्क दरों को उच्चाधिकारी के समक्ष रखा जाएगा. इसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

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