अहमदाबाद विमान हादसे में 265 लोगों की मौत की पुष्टि

विमान के क्रैश होते ही आसमान में आग का बवंडर बन गया और धुएं के गुबार कई किलोमीटर दूरी से भी देखे गए।

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अहमदाबाद : विमान हादसे में मरने वालों की संख्या 265 हो गई है। इस विमान में सवार 241 यात्रियों और क्रू मेंबर के साथ-साथ 24 स्थानीय लोगों की मौत हुई। हादसे में घायल अन्य लोगों का अस्पताल में उपचार चल रहा है।

प्लेन की सीट नंबर 11-A पर बैठे हुए भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक रमेश विश्वास कुमार हादसे में जिंदा बच गए हैं। उनका वीडियो भी सामने आया है।

एअर इंडिया की उड़ान संख्या AI-171 अहमदाबाद से लंदन जा रही थी। इसमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक समेत कुल 230 यात्री सवार थे। इनमें 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे और 2 नवजात शामिल हैं। बाकी 12 क्रू मेंबर्स थे।

अहमदाबाद में वीरवार दोपहर बाद एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन टेकऑफ के चंद सेकंडों बाद ही क्रैश हो गया। विमान के क्रैश होते ही आसमान में आग का बवंडर बन गया और धुएं के गुबार कई किलोमीटर दूरी से भी देखे गए।

प्लेन जिस बिल्डिंग से टकराया, वहां अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर्स रहते हैं। बताया गया कि हादसे के समय इमारत में 50 से 60 डॉक्टर मौजूद थे। यहां डाक्टरों समेत कई लोगों की मौत हो गई।

हादसे की जगह से मिले ज्यादातर शव इतनी बुरी तरह झुलसे कि उनकी पहचान करना भी बेहद मुश्किल हुआ है। उनकी पहचान अब डीएनए टेस्ट के बाद ही संभव होगी।

इसी विमान में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी सवार थे। वे अपनी बेटी के घर लंदन जा रहे थे। हादसे के वक्त विमान में बांसवाड़ा के डॉक्टर दंपती डॉ. कोनी व्यास और पति डॉ. प्रदीप जोशी अपने तीन बच्चों प्रद्युत, मिराया और नकुल भी बैठे थे।

डॉ. कोनी ने एक महीने पहले उदयपुर के पेसिफिक हॉस्पिटल की जॉब छोड़ी थी और पति के साथ ही रहने के लिए लंदन जा रही थीं। डॉ. प्रदीप लंदन में एक निजी अस्पताल से जुड़ने वाले थे और डॉ. कोनी को भी वहीं नई नौकरी जॉइन करनी थी। इसीलिए उन्होंने तीनों बच्चों को भी लंदन शिफ्ट होने के लिए मना लिया था, लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था।

विमान टेकऑफ होने से चंद सेकंडों पहले जहां लोग सुरक्षित अपनी मंजिल पर पहुंचने के उत्साह से भरपूर थे। यात्री सेल्फियां लेते नजर आए। इसके चंद सेकंडों बाद ऐसा हुआ कि विमान में सवार यात्रियों का सफर मौत का अंतिम सफर बन गया।

यही नहीं बीजे मेडिकल कालेज के हॉस्टल की जिस बिल्डिंग से विमान टकराया , वहां खाना खा रहे डॉक्टर्स और अन्य लोग भी विमान हादसे का शिकार हो गए।

ये सब 45 सेकंड के भीतर हुआ और पीछे रह गए विमान का मलबा और जख्म। दिल दहला देने वाले इस बड़े हादसे को लोग कभी नहीं भूला पाएंगे। देश इस हादसे से सदमे में है। इस बड़े हादसे के बाद पूरी दुनिया से संवेदनाएं मिल रही हैं।