उच्च शिक्षा में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉ. जगदीश को मिलेगा ‘हिमाचल प्रदेश राज्य पुरस्कार 2025’

डॉ. चंद का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उल्लेखनीय योगदान रहा है। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ मिलकर 72 आईआईआरएस-इसरो आउटरीच कार्यक्रमों का सफल समन्वय किया और उनके इस अथक प्रयास के लिए उन्हें 2020 में सर्वश्रेष्ठ समन्वयक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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शिमला : प्रदेश शिक्षा विभाग ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए ‘हिमाचल प्रदेश राज्य पुरस्कार 2025’ की घोषणा कर दी है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद अधिसूचना के अनुसार डॉ. वाईएस परमार पीजी कॉलेज नाहन के सहायक प्रोफेसर भूगोल डॉ. जगदीश चंद को इस पुरस्कार से नवाजा जाएगा। जिला सिरमौर से वह एकमात्र प्रोफेसर हैं, जिनका इस पुरस्कार के लिए चयन हुआ है। उन्हें शिक्षक दिवस पर इस पुरस्कार से नवाजा जाएगा।

बता दें कि डॉ. जगदीश चंद ने शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में अपने असाधारण योगदान से एक नई मिसाल कायम की है। सिरमौर जिले के छोटे से कजवा गांव से संबंध रखने वाले डॉ. जगदीश चंद ने न केवल अकादमिक उत्कृष्टता हासिल की है, बल्कि अपने नवाचारी शिक्षण और सामुदायिक पहलों से हजारों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है।

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डॉ. चंद ने एम.ए. और एम.फिल. की उपाधियां स्वर्ण पदक के साथ हासिल की हैं और उन्होंने पी.एच.डी. के साथ-साथ यूजीसी-नेट/जेआरएफ एवं SLET जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं को भी सफलतापूर्वक उत्तीर्ण किया है।

पिछले 15 वर्षों में उन्होंने भूगोल शिक्षा को आधुनिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आई.सी.टी.) और सहभागितापूर्ण अधिगम (Participatory Learning) को प्रोत्साहित कर शिक्षण को अधिक सशक्त और प्रभावी बनाया है।

इसरो और उन्नत भारत अभियान में योगदान
डॉ. चंद का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उल्लेखनीय योगदान रहा है। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ मिलकर 72 आईआईआरएस-इसरो आउटरीच कार्यक्रमों का सफल समन्वय किया और उनके इस अथक प्रयास के लिए उन्हें 2020 में सर्वश्रेष्ठ समन्वयक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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इसके अतिरिक्त शिक्षा मंत्रालय और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अंतर्गत उन्नत भारत अभियान के समन्वयक के रूप में उन्होंने 10 गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी कई प्रभावशाली पहल का नेतृत्व किया, जिससे ग्रामीण समुदायों को सीधा लाभ मिला।

एक समर्पित शोधकर्ता के रूप में डॉ. चंद ने 46 शोध-पत्र और छह पुस्तकें प्रकाशित की हैं। उन्होंने इसरो, जापान अंतरिक्ष अन्वेषण एजेंसी (जैक्सा) और अमेरिका के राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (नासा) जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा आयोजित 50 से अधिक प्रशिक्षण/कार्यशालाओं में भाग लेकर अपने ज्ञान को और भी समृद्ध किया है।

हिमाचल प्रदेश में वे राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी), सोलन में आपदा प्रबंधन के प्रमुख स्रोत व्यक्ति के रूप में भी कार्य कर रहे हैं।

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डॉ. चंद ने ‘Geography & Geographers’ नामक एक ऑनलाइन समूह की भी स्थापना की है, जो 700 से अधिक पूर्व छात्रों को उच्च शिक्षा और परीक्षा मार्गदर्शन प्रदान करता है।

वर्ष 2015 में उन्होंने ‘Sparking Youth’ की शुरुआत की, जो आज 2000 से अधिक सदस्यों के साथ छात्रों को अध्ययन सहयोग प्रदान कर रहा है, जिससे उन्हें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिल रही है। वह हिमाचल के युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं।