नाहन : सिखों के 10वें गुरू गोबिंद सिंह जी महाराज के 340वें नाहन आगमन दिवस पर जोड़ मेला का आयोजन किया जाएगा. ऐतिहासिक चौगान मैदान में 26 अप्रैल से यह जोड़ मेला शुरू होगा, जो 5 मई तक धूमधाम के साथ मनाया जाएगा. इस दौरान गुरुद्वारा साहिब में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा.
दरअसल, गुरू गोबिंद सिंह महाराज 30 अप्रैल 1685 को सिरमौर रियासत में पधारे थे और लगभग 8 महीने तक वह नाहन में ही रहे. इसके बाद उन्होंने पांवटा साहिब साहिब नगरी की नींव रखी थी. लिहाजा, गुरू गोबिंद सिंह जी के नाहन आगमन दिवस को हर वर्ष हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, जिसे पिछले कुछ वर्षों से जोड़ मेले का रूप दिया गया है.

गुरू गोबिंद सिंह जी ने अपना अधिकतर समय जहां बिताया, उस स्थान को आज श्री दशमेश अस्थान गुरुद्वारा साहिब नाहन के नाम से जाना जाता है. इस जोड़ मेला का आयोजन गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी नाहन व समूह साध संगत, समूह जत्थेबंदियां, सिक्ख नौजवान सेवक जत्था नाहन द्वारा किया जा रहा है.
कार्यक्रम के मुताबिक 26 अप्रैल को गुरुद्वारा श्री टोका साहिब से गुरुद्वारा साहिब नाहन विशाल नगर कीर्तन पहुंचेगा. इसी दिन शाम को चौगान मैदान में नाहन के विधायक अजय सोलंकी जोड़ मेला का शुभारंभ करेंगे.
बता दें कि ऐतिहासिक चौगान भी गुरू महाराज के आगमन का गवाह रहा है. जब श्री गुरू गोबिंद सिंह जी महाराज नाहन पहुंचे थे, तो गुरु महाराज के लाव लश्कर ने चौगान में ही डेरा डाला था. इसी चौगान मैदान के सामने ही यह ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब मौजूद है.
कार्यक्रम के अनुसार 27 अप्रैल को गुरुद्वारा साहिब में प्रातः 8 बजे श्री अखंड पाठ साहिब आरंभ होगा. 29 अप्रैल को सुबह 9 बजे इस अखंड पाठ का समापन होगा. भाई कुलविंदर सिंह जी (खरड़ वाले) व भाई गुरमीत सिंह जी (हजूरी रागी दरबार साहिब) गुरू महाराज की वाणी से संगत को निहाल करेंगे. दोपहर 12 बजे से अटूट लंगर का आयोजन होगा.
सांय 4 बजे से गुरुद्वारा साहिब से भव्य नगर कीर्तन का आरंभ किया जाएगा. 30 अप्रैल को 8 बजे से रात्रि कीर्तन दरबार का आयोजन होगा, जिसमें भाई गुरमीत सिंह जी शांत (हजूरी रागी श्री अमृतसर साहिब), भाई तरणवीर सिंह जी रब्बी (लुधियाना वाले) गुरू की वाणी से संगत को निहाल करेंगे. इसके बाद 5 मई को दंगल और गतका के साथ जोड़ मेले का समापन होगा.