नाहन : मेडिकल कालेज नाहन में उपचाराधीन 8 साल की बच्ची के लिए ड्रॉप्स ऑफ होप सोसायटी के सदस्य फिर मददगार बने। थैलेसीमिया से ग्रस्त सपना को O नेगेटिव रक्त की सख्त जरूरत थी, जिसे सोसायटी के सदस्य वीरेंद्र चौहान ने रक्तदान कर पूरा किया।
जानकारी के अनुसार बिहार के दरभंगा निवासी राम प्रवेश की बेटी सपना कुमारी को थैलीसीमिया रोग के चलते मेडिकल कालेज नाहन में एडमिट किया गया था। इस बच्ची को O नेगेटिव रक्त की दूसरी यूनिट की आवश्यकता थी। इसकी सूचना मिलते ही ड्रॉप्स ऑफ होप के सदस्य मेडिकल कालेज पहुंचे, जहां उन्होंने अपना खून देकर बच्ची को नया जीवन दिया। रक्तदाता वीरेंद्र चौहान भारतीय थल सेना से सेवानिवृत्त हुए हैं, जो सोसायटी के सक्रिय सदस्य भी हैं।

ड्रॉप्स ऑफ होप के संस्थापक ईशान राव ने बताया कि सोसायटी का यही प्रयास है कि किसी भी मरीज की जान खून की कमी से न जाए। इसी सामाजिक दायित्व को निभाते हुए सोसायटी मरीजों की मदद के लिए दिन-रात तत्पर रहती है। मेडिकल कालेज नाहन ही नहीं आईजीएमसी शिमला, मेडिकल कालेज टांडा, पीजीआई चंडीगढ़ सहित बाहरी राज्यों के अस्पतालों और एम्स में उपचाराधीन मरीजों के लिए सोसायटी के सदस्य रक्तदान कर सेवा कर रहे हैं। अस्पतालों में आपातकाल के समय खून की कमी को भी पूरा किया का रहा है।
उधर, नाहन के दिलशाद खान ने बताया कि उनका सैनवाला में ढाबा है, जहां उनके पास बच्ची के पिता काम करते हैं। बच्ची को काफी समय से थैलेसीमिया रोग है। इस वजह से उसे मेडिकल कालेज नाहन में भर्ती किया गया था। उन्होंने बताया कि बच्ची को अब अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और वह फिलहाल स्वस्थ है।
क्या है ये रोग
दरअसल, थैलेसीमिया एक वंशानुगत रक्त विकार है, जो जीन के माध्यम से माता-पिता से बच्चों में स्थानांतरित होता है। यह हीमोग्लोबिन के उत्पादन को प्रभावित करता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं को ऑक्सीजन ले जाने में मदद करता है। थैलेसीमिया से प्रभावित लोग पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं बना पाते हैं, जिससे लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है। इस रोग से एनीमिया हो सकता है। इससे थकान, कमजोरी, पीलापन और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण हो सकते हैं।
ये भी पढ़ें :
एनसीबी और ड्रग विभाग की हिमाचल में बड़ी कार्रवाई, पांवटा साहिब से 19 लाख नशीली गोलियां बरामद, गोदाम सील